देहरादून
कोरोना को मात देने या कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने को अब लोग वैक्सीनेशन केंद्रों पर दौड़ रहे हैं। 18वर्ष से 44वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक करने की व्यवस्था थी लेकिन अब ऑनलाइन स्लॉट बुक होने में दिक्कत के कारण स्वास्थ्य विभाग ने ऑफलाइन वैक्सीनेशन की शुरुआत भी कर दी है। इससे वैक्सीनेशन सेंटर्स पर भीड़ होने लगी है। कोरोना से बचने की वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे लोग खुद ही कोरोना होने का जोखिम उठा रहे हैं। क्योंकि सेंटर पर पहुंचकर उचित दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा है। सर्वेचौक के पास दून क्लब में बने वैक्सीनेशन सेंटर की ये तस्वीर इस बात की तरफ साफ संकेत दे रही है कि वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ का क्या हाल है। ऐसे में प्रशासन को उचित दूरी वाले नियम का पालन हो सके और ये भीड़ नियंत्रित हो सके इसके लिए कदम उठाने की ज़रूरत है। वरना कहीं ऐसा ना हो कि आये थे हरिभजन को और ओटन लगे कपास।
वैक्सीनेशन को लेकर शुरुआत के दिनों में भले ही लोगों में इतना उत्साह नहीं था, तरह-तरह की चर्चाएं और आशंकाएं ज़्यादा दी थी। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को वैक्सीन लगवाने दौड़ा दिया है। 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगने तक तो फिर भी आसानी से काम हो रहा था लेकिन अब 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की शुरुआत ने तस्वीर कुछ बदल दी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ने 20 से 50 वर्ष के बीच की आयु वर्ग के लोगों को ज़्यादा प्रभावित किया है। (स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े 1अप्रेल से 20 मई के मध्य के) यही वजह है कि 18 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग के लोग वैक्सीन लगावाने को आतुर हैं और तमाम कोशिशों में लगे हुए हैं।