उत्तराखंड का ईज़ ऑफ डूईँग बिज़नेस की रैंकिंग में आया सुधार
देशभर में उत्तराखंड 23वें स्थान से 11वें स्थान पर पहुंच गया है
आंध्र प्रदेश प्रथम, उत्तरप्रदेश द्वितीय, तेंलंगाना तृतीय स्थान पर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशभर के राज्यों की जारी की रैंकिंग
केंद्र और राज्य की साझेदारी की अनूठी मिसाल-उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र
देहरादून
स्टेट बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान 2019 के चौथे एडिशन के तहत ईज आफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में उत्तराखंड की रैंकिंग में देशभर में सुधार हुआ है, वर्ष 2015 में उत्तराखंड की रैंकिंग 23वीं थी लेकिन अब ये ऊपर उठकर 11वें स्थान पर पहुंच गई है. ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस में रैंकिंग सुधार होने से सीएम त्रिवेंद्र सिह रावत ने खुशी जाहिर की है। रैकिंग में पहले स्थान पर आंध्र प्रदेश, दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश तथा और तीसरे स्थान पर तेंलंगाना रहे हैं
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्टेट बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान 2019 के चौथे एडिशन के तहत ईज आफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की रेकिंग जारी की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें शामिल हुए। उत्तराखंड 2015 में 23वें स्थान पर था जो अब 11वें स्थान पर आ गया है।
त्वरित टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग की घोषणा के अवसर पर कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से राज्यों की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग जारी की जा रही है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत राज्यों द्वारा किये जा रहे रिफॉर्म, केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच सकारात्मक साझेदारी की अनूठी मिसाल है।
उत्तराखण्ड ने आरंभ से ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में लगातार सक्रियता से कार्य किया है। वर्ष 2015 की पहली रैंकिंग में हम 23वें स्थान पर थे और वर्ष 2019 में 11वें स्थान पर रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जायेंगे। जिसका परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखायी देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यौगों के अनुकूल माहोल तैयार करने के साथ ही प्रधानमंत्री जी द्वारा आत्म निर्भर भारत के लिए की गई पहल को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे है, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही एक जनपद एक उत्पाद की दिशा में भी योजना बनायी जा रही है।