देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे (रिपोर्ट : मौ. फ़हीम ‘तन्हा’): देवभूमि विकास संस्थान ट्रस्ट के ‘मिशन रिस्पना से ऋषिपर्णा’ अभियान के तहत नदी की स्वच्छता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता की। पूर्व सीएम ने कहा कि ट्रस्ट के तहत रिस्पना नदी की स्वच्छता को लेकर तथा गंगा सहित अन्य नदियों की स्वच्छता की गतिविधियां आगे बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून की रिस्पना नदी की स्वच्छता के लिए हमने मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकारी तौर पर भी आगे बढ़ाया था, और ट्रस्ट के तहत उससे पहले भी कई अन्य सामाजिक क्षेत्र के गणमान्य लोगों को जोड़कर आगे बढ़ाया था। वृक्षारोपण के तहत हमने करीब 65 हज़ार पेड़ लगाए हैं, इसमें हमने पीपल और बरगद के पेड़ों पर हमने फोकस किया है, विभिन्न किस्मों के पेड़ हमने उत्तरप्रदेश से भी मंगाए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पर्वतीय विकास संस्थान ट्रस्ट के तहत प्रिंस चौक के एक होटल में प्रेसवार्ता के दौरान सारी जानकारी देते हुए नदियों की स्वच्छता और पर्यावरण शुद्धता, सिंगल यूज़ पॉलीथिन फ्री वातावरण करने के लिए किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा की। इस प्रेसवार्ता में मेयर सुनील उनियाल गामा सहित संस्थान के कई पदाधिकारी भी शामिल रहे।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने आगे बोलते हुए कहा है कि देवोत्थान एकादसी पर रिस्पना के उद्गम स्थल पर एक आयोजन करके रिस्पना के पुनर्जीवित होने के काम को आगे बढ़ाने पर काम करेंगे, इसके लिए सरकार के साथ भी वार्ता और मंथन करके आगे बढ़ने का काम किया जायेगा, रिस्पना नदी के उद्गम स्थल से सुसवा नदी में संगम तक करीब 23 किलोमीटर की दूरी है जिस पर हमने एक स्टडी कराई है। हमारा मकसद रिस्पना नदी में स्वच्छ पानी का बहाव सुनिश्चित करना है। हम इस अभियान में विशेषज्ञों के अलावा सामाजिक, पर्यावरण क्षेत्र के अलावा आध्यात्मिक गुरुओं को भी जोड़ेंगे।
त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि ये एक निरंतर चलने वाला कार्य है जिसमें लगातार जनसहभागिता की आवश्यकता रहेगी। नदी में गिरने वाले नालों की टैपिंग हुई भी थी, अब आगे भी हम राज्य सरकार से बात करके नालों को रोकने का अनुरोध करेंगे। हम ऐसे लोगों को भी जोड़ने का काम करेंगे जो औसतन हफ्ते में एक घण्टा हमारे अभियान के लिए दे सकें। हमारी 25 सितंबर की बैठक में संस्थान ट्रस्ट ने कुछ निर्णय लिए थे, ‘जिसमें रिस्पना से ऋषिपर्णा’ परिक्रमा का भी आयोजन किया जाएगा।