देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड ने उत्तराखंड के राजस्व पुलिस सिस्टम (पटवारी) पर फिर से सवाल खड़े किए हैं. वहीं उत्तराखंड में एक बार फिर से राजस्व पुलिस सिस्टम को खत्म करने की मांग उठने लगी है. लोगों की इस मांग को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सही ठहराया है. उन्होंने भी राजस्व पुलिस सिस्टम (पटवारी) पर सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जो सवाल उठाए हैं, उसकी वास्तव में प्रदेश को जरूरत है. क्योंकि पहले ऐसा होता था कि जब पटवारी गांव में जाता था और आरोपी को पूरी सज्जनता के साथ इस बात को बोलता था कि आप की गिरफ्तारी हो गई है. आप घर से कहीं भी नहीं जाएंगे और ऐसी नैतिकता तब होती थी. लेकिन आज स्थिति यह है कि अगर पटवारी कहीं ऐसे बोलने जाता है तो उसके ऊपर ही हमला हो जाता है. इसलिए पटवारी व्यवस्था पर पूरी गंभीरता के साथ पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. लिहाजा अब इस पटवारी व्यवस्था को समाप्त कर पुलिस व्यवस्था को लागू करना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने भी अपने कार्यकाल में काफी जगह पर थाने और चौकियां खुलवाई थी. इस तरह की घटनाएं जहां पहले होती हैं, वहां पर राजस्व व्यवस्था को हटाकर पुलिस व्यवस्था को लागू करना चाहिए. इस तरह आगामी चार से पांच सालों में प्रदेश से राजस्व व्यवस्था समाप्त हो जाएगी.