ऋषिकेश। ( REPORT BY: faizy)
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए बड़ी तेजी से तैयारियां चल रही हैं। एम्स में युद्धस्तर पर पीसीए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम किया जा रहा है। 24 घंटे संचालित होने वाले नए प्लांट की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता एक हजार लीटर प्रति मिनट होगी। एम्स प्रशासन ने एक माह के भीतर प्लांट के शुरू होने की संभावना जताई है। प्लांट शुरू होने के बाद एम्स की ऑक्सीजन क्षमता डेढ़ गुना हो जाएगा।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश को ऑक्सीजन के संकट से जूझना पड़ा था। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते बड़ी संख्या में मरीजों मौत भी हुई है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ती जा रही थी। हाल यह था कि मरीज के तीमारदार ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे थे। ऐसे में ऑक्सीजन की उपयोगिता को समझते हुए संभावित तीसरी लहर से पहले ही ऑक्सीजन बैंक को बढ़ाया जा रहा है। उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तरप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की रीढ़ एम्स में भी पीसीए ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा रहा है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि डीआरडीओ की मदद से संस्थान में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन) तकनीक आधारित इस प्लांट से चौबीस घंटे प्रति मिनट एक हजार लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा।
ऑक्सीजन प्लांट प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर डॉ. अजय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने में यह प्लांट विशेष लाभकारी साबित होगा। अभी तक एम्स में भर्ती मरीजों के लिए बाहर से लिक्विड ऑक्सीजन मंगाकर उसको स्टोर किया जाता है। ऑक्सीजन गैस को पाइपलाइन के माध्यम से मरीजों के बेड तक पहुंचाया जाता है। उन्होंने बताया कि पीएम केअर फंड से तैयार हो रहे इस प्लांट से एक महीने के भीतर ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
अभी 30 हजार लीटर है एम्स की ऑक्सीजन क्षमता
मौजूदा समय में एम्स ऋषिकेश के ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट की क्षमता 30 हजार लीटर है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को स्टोरेज प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है।
एक समय ही संचालित होंगे 64 वेंटिलेटर
नए ऑक्सीजन प्लांट से आपूर्ति शुरू होने के बाद अस्पताल में 64 वेंटिलेंटर एक साथ संचालित किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि वेंटिलेंटर बेड पर 15 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है।