देहरादून– ( By: Faizan Khan )
नैनिताल से बीजेपी के युवा विधायक संजीव आर्य की एक और मांग सरकार ने मानते हुए आदेश जारी किया है। पंचायतों को कोरोना से लड़ाई के लिए फंड जारी करने के बाद अब दूसरी मांग भी मान ली गई है। गांवों में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे स्थानीय प्रतिनिधियों यानी त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को टीकाकरण में वरीयता दी जाएगी। सचिव एचसी सेमवाल ने इस सिलसिले में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। आपको याद दिला दें कि नैनिताल विधायक संजीव आर्य ने पंचायतों को कोरोना से लड़ाई के लिए फंड जारी करने और स्थानीय प्रतिनिधियों यानी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को फ्रंटलाइन कोरोना वारियर मानते हुए उनकी वरीयता की व्यवस्था करने की मांग करते हुए सीएम को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सरकार ने विधायक संजीव आर्य के मांग पत्र के बाद ये फैसले लिए हैं। सरकार ने फंड 2 दिन पहले ही जारी कर दिया था। संजीव आर्य ने पत्र में लिखा था कि त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र एवं जिला) के निर्वाचित प्रतिनिधियों को भी सरकार ने कोविड ड्यूटी पर लगाया है। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन, कोविड की गाइडलाइन का प्रचार-प्रसार के साथ ही प्रवासियों पर निगरानी रखने और उनके लिए आइसोलेशन के दृष्टिगत व्यवस्था करने का जिम्मा सौंपा गया है।
अब सचिव पंचायतीराज ने इस बारे में जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि राज्य की सभी 7791 ग्राम पंचायतों के प्रधानों, 95 क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों और 13 जिला पंचायतों के अध्यक्षों का सहयोग कोरोना संक्रमण की रोकथाम व प्रबंधन में लिया जा रहा है। जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। विधायक संजीव आर्य ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार जताया है।