BIG NEWS TODAY : (By: Mohd Faheem ‘Tanha’) देहरादून। कभी प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड के नाम से पहचान रखने वाला देहरादून का आशियाना इन दिनों काफी चहल-पहल से भरा है और एक पर्यटक स्थल के रूप में उभरने जा रहा है। देहरादून की हरी-भरी वादियों में स्थित ऐतिहासिक ‘राष्ट्रपति निकेतन’ (आशियाना) अब आम जनता के लिए भी खोल दिया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इसका उद्घाटन करने जा रही हैं। करीब 100 वर्षों से अधिक पुराने इस भवन का इतिहास जितना गौरवशाली है, उतना ही रोचक इसका कायाकल्प भी रहा है। देहरादून के राजपुर रोड पर जाखन के पास स्थित इस आलीशान भवन को अब राष्ट्रपति निकेतन के रूप में संबोधित किया जाने लगा है।

अस्तबल (President’s Bodyguard) से आशियाना तक का सफर
साल 1838 में इसे राष्ट्रपति अंगरक्षक ( प्रेजिडेंट्स बॉडीगार्ड-पीबीजी ) के घोड़ों के ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में विकसित किया गया था। एक जमाना था जब यहां राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के घोड़े बड़ी तादाद में रहते थे। फिर 1920 के दशक में यह पीबीजी, अंग्रेजी शासन काल में कमांडेंट का आवास बना। इस असली पहचान तब मिली जब 1975-76 में राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इसे आधिकारिक रिट्रीट के रूप में परिवर्तित करवा कर इसका नाम “आशियाना” रखा। इसके बाद नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह और के.आर. नारायणन जैसे राष्ट्रपतियों ने यहां समय बिताया। लेकिन 1998 के बाद इसे बंद कर दिया गया और भवन जर्जर होने लगा था।

आशियाना का जीर्णोद्धार और नवजीवन
करीब दो दशकों की उपेक्षा के बाद 2015-16 में इसका भूकंपीय सुदृढ़ीकरण किया गया। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की मदद से भवन को आधुनिक रूप दिया गया। वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आशियाना का दोबारा उद्घाटन किया और यहां रात्रि विश्राम किया था। ये ऐसा मौका था जब 18 वर्षों में पहली बार कोई राष्ट्रपति यहां रुके थे। आज, ये पूरा भवन न केवल एक भव्य रिट्रीट है, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक दर्शनीय स्थल भी बन चुका है।
राष्ट्रपति मुर्मु का जनता के लिए ऐतिहासिक तोहफा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निर्देश पर राष्ट्रपति निकेतन (आशियाना) आम नागरिकों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है। 20 जून को यानी आज राष्ट्रपति मुर्मु इसके एक विशेष सार्वजनिक पार्क का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें कैफेटेरिया, गाइडेड टूर, स्मारिका स्टोर, एम्फीथिएटर, घुड़सवारी की सुविधा जैसी सुविधाएं आम लोगों के लिए उपलब्ध होंगी।

आशियाना राष्ट्रपति निकेतन फिर से बनेगा गौरव का प्रतीक
237 एकड़ में फैला राष्ट्रपति आशियाना अब एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में उभरेगा, जो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख आकर्षण बन सकता है।