BIG NEWS TODAY : देहरादून। भाजपा परिवार ने सभी प्रदेशवासियों को राज्य स्थापन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने अपने संदेश में कहा, हम सबके लिए बेहद प्रसन्नता एवं संतोष का विषय है कि अपने रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड विकसित राज्य बनने की दिशा तेजी से बढ़ रहा है। विकास, समृद्धि एवं सद्भाव के साथ राज्य का देवभूमि स्वरूप बनाए रखने में हम सफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम धामी के नेतृत्व वाली सरकार की डबल इंजन सरकार की रफ्तार बताती है, देवभूमि के दशक का आगाज सान्निकट है। राज्य निर्माण के बाद 24 वर्षों की विकास यात्रा में आज प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे पर संतोष का भाव है। राज्य आंदोलन की भावनाओं के अनुरूप निर्मित होते उत्तराखंड की उम्मीद अब साकार होती स्पष्ट नजर आ रही है। राज्य का देवभूमि स्वरूप बनाए रखने की दिशा में लिए ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णयों ने देश दुनिया में उत्तराखंड की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा दिए हैं। सुरक्षित, समृद्ध एवं विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य प्राप्ति के बेहद निकट आज हम पहुंच गए हैं।
सामाजिक एवं जनकल्याणकारी नतीजों से अलग अर्थव्यवस्था की बात करें तो राज्य लंबी छलांग लगाते हुए 24 गुना आकार ले चुका है। राज्य निर्माण के समय की प्रति व्यक्ति आय 15 हजार से 17 गुना बढ़कर आज 2.6 लाख के पार चली गई है। राज्य में विकास का पहिया मैदान ही नहीं पहाड़ में भी इस कदर तेजी से घूमा कि आम लोगों के हालतों में भी आमूलचूल परिवर्तन करने में हम सफल हुए हैं। राज्य की अहम पहचान पर्यटन क्षेत्र की जीएसडीपी बढ़कर 43.7 प्रतिशत हो गई है। राज्य में विकास की रफ्तार को बजट में हुई बीस गुना बढ़ोतरी से समझा जा सकता है। राज्य गठन के समय का ₹4500 करोड़ बजट अब ₹94 हजार करोड़ से अधिक हो गया है।
पृथक राज्य के दिवास्वप्न को साकार करने में मातृ शक्ति के अतुलनीय योगदान के प्रति राज्यवासी हमेशा कृतज्ञ रहे हैं। यही वजह है कि महिलाओं के सशक्तिकरण एवं आर्थिक संवर्धन हेतु राज्य ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। आधी आबादी को उनका पूरा अधिकार देने की इन कोशिश ने उन्हें ऊंची उड़ान भरने का हौसला दिया है। राज्य गठन के बाद से ही सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों में दिए आरक्षण से महिलाओं की विकास में भूमिका मजबूत होने से उनका नेतृत्व उभर कर सामने आया है। वर्तमान धामी सरकार ने नौकरियों में 30 फ़ीसदी एवं सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू किया है। नंदा गौरा योजना के तहत बेटी के जन्म के साथ ही 12 हजार और 12वीं पास करने पर 51 हजार रुपए की सहायता से बालिका शिक्षा में बड़ा परिवर्तन आया है । महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए, महिलाओं के नाम प्रापर्टी खरीदने पर, स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट दी जा रही है। वहीं उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लखपति दीदी योजना भी संचालित हो रही है। बेहद खुशी की बात है कि अब तक राज्य में 1 लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं और आगे इनकी संख्या 2.5 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है। हमे गर्व है कि मातृशक्ति को पूर्णतया समर्पित हमारी सरकार उनकी स्थिति में बदलाव लाने में सफल हो रही है।
युवाओं को रोजगार देने की दिशा में पूर्ववर्ती सरकारों ने भी बहुत कार्य किए हैं। और इसी क्रम को बुलेट ट्रेन की गति से आगे बढ़ाते हुए धामी सरकार अब तक की सर्वाधिक नौकरियां देने वाली सरकार बन गई है। देश में नासूर की तरह पनपते नकल माफियाओं पर लगाम लगाने का काम भी उत्तराखंड ने किया है, कठोरतम नकल निरोधक कानून लागू कर।
इसी तरह, उत्तराखंड अपने देवभूमि स्वरूप के अनुशार देश में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बना है। सख्त धर्मांतरण कानून भी लागू हुआ, दंगारोधी कानून भी आया और राज्य की डेमोग्राफी बदलने की साजिशों पर कठोरतम कार्यवाही करने वाला राज्य भी हम ही बने। देश दुनिया को हम संदेश देने में सफल हुए हैं कि सांस्कृतिक चेतना एवं एकता के मुद्दे पर उत्तराखंड आज भी पथ प्रदर्शक है।
जहां तक राज्य को लेकर चुनौतियों की बात है तो हम इसे अवसर की तरह लेते हुए इससे पार पाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। चाहे पहाड़ों से पलायन का दर्द हो, चाहे ऊर्जा को लेकर जरूरत पूरी करने से आगे बढ़ते हुए निर्यात की तरफ बढ़ना हो, चाहे प्राकृतिक आपदा का सामना करने में अब तक हासिल सफलता से आगे नुकसान को न्यूनतम करने की बात हो। दूरदराज, सीमावर्ती एवं दुर्गम क्षेत्रों को विकास हाइवे से जोड़ने के साथ उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता पर भी काम करना हो।
हम भावी उत्तराखंड का भविष्य, पीएम मोदी के मुख से निकले भगवान श्री केदारनाथ के उस आदेश में देखते हैं, जिसके अनुशार वर्तमान दशक को उत्तराखंड का दशक बनाना है। प्रदेशवासियों के सहयोग से हमारी सरकार आगामी वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेगी। विकास, समृद्धि एवं सद्भाव हमारी प्राथमिकता है, लेकिन एक विषय पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए कि हम राज्य के देवभूमि स्वरूप बनाए के मुद्दे पर कभी भी समझौता नहीं करने वाले हैं।