उत्तराखंड की गैरसेंण ग्रीष्मकालीन और देहरादून राजधानी- सीएम त्रिवेंद्र

Uttarakhand


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

गैरसेंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी और देहरादून राजधानी है-सीएम
सीएम के इस बयान से स्थाई राजधानी के सवाल का औचित्य ही समाप्त?
राज्य गठन के बाद से स्थाई राजधानी का सवाल लगातार उठता रहा है
देहरादून को अभीतक विधिक तौर पर राजधानी घोषित नहीं किया गया
गैरसेंण विकास योजनाएँ गिनाते हुए सीएम ने कहा कि राजधानी देहरादून

देहरादून
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि गैरसेंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी और देहरादून राज्य की राजधानी है. इससे ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अब देहरादून को ही स्थाई राजधानी मान लिया जाना चाहिए. उत्तराखंड के 9नंवबर को स्थापना दिवस के मौके पर चार दिनों तक समारोह और अन्य आयोजन किए गये. 9 नवंबर 2000 को उत्तरप्रदेश से अलग हुआ उत्तराखंड अब 20 वर्ष का हो चुका है और 21 वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. इन बीस वर्षों से एक सवाल उत्तराखंड की राजनीति में उठता रहा है कि आखिर उत्तराखंड की स्थाई राजधानी कौन सी है. क्योंकि देहरादून में राजधानी संचालित हो रही है लेकिन अभी तक देहरादून को विधिक तौर पर पूर्ण राजधानी का दर्जा घोषित नहीं है.

दूसरी तरफ गैरसेण में इसवर्ष मार्च में हुए बजट सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसेण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके अब विकास के कार्यों को भी आगे बढ़ा दिया है. लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थाई राजधानी के सवाल पर ऐसा जवाब दिया है जिससे स्पष्ट तौर पर ऐसा लग रहा है कि अब स्थाई राजधानी देहरादून को ही मान लिया जाए और स्थाई राजधानी का सवाल अब औचित्यपूर्ण नहीं रहा है.

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। अतः ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप गैरसैंण में हमें समानान्तर व्यवस्थायें करनी होती है, इस दृष्टि से आगामी 10 वर्षों में गैरसैंण में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास की प्लानिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। राज्य सरकार द्वारा किये जाने वाले निवेश के अतिरिक्त इसमें प्राईवेट इन्वेस्टर भी आयेंगे। गैरसैंण क्षेत्र की तमाम अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, सीवरेज आदि की तमाम व्यवस्थायें की जानी होगी। गैरसैंण में अच्छे विद्यालय, खेल मैदान मनोरंजन के तमाम संसाधनों के विकास आदि के लिये 25 हजार करोड़ रूपए की घोषणा उनके द्वारा की गई है। इस दिशा में पहला कार्य इस क्षेत्र में पर्याप्त भूमि की व्यवस्था तथा बेहतर कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया जा रहा है।