10 घण्टे सड़क पर पड़े रहे महिला के शव के परिजन भी पास आने से कतराते रहे! मानवता हार रही है महामारी जीत रही है! कैसी लाचारगी और भय की तस्वीर है!

Uttarakhand


गांव की सड़क पर पड़ा महिला का शव

पौड़ी (By BNT team)

पौड़ी जिले के खिर्सू विकासखंड की कोल्ठा ग्राम पंचायत के भैंसकोट गांव में ह्रदयविदारक नजारा सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग महिला का शव करीब 10 घंटे गांव के पगडंडियों वाले मुख्य मार्ग पर पड़ा रहा। लेकिन ना तो प्रशासन और ना ही ग्रामीणों ने शाम तक शव को उठाकर अंतिम संस्कार के ल‌िए ले जाने की हिम्मत और जहमत उठाई। कोविड महामारी के सामने डर और भय इस क़दर हावी है और मानवता कितनी लाचार होकर हार मान चुकी है, ये इसकी दुःखदाई तस्वीर है। प्रशासन ने गांव में 7 पीपीई किट भिजवाई लेकिन लाने वाले कर्मचारी किट फैंक कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर निकल गए। शुक्रवार की देर शाम करीब 6 बजे के आसपास मृतक महिला के परिजनों एवं गांव के कुछ ग्रामीणों ने अपने भय और डर पर काबू पाकर इंसानियत और मानवता की तरफ कदम बढ़ाया और सड़क से महिला का शव उठाने को तैयार हुए।

इस दुखदायी घटना को लेकर एसडीएम श्रीनगर का कहना है कि मौके पर टीम भेजी गई थी। बुजुर्ग को अस्पताल भर्ती कराया गया है। फिर भी यदि टीम द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई है तो कार्यवाही की जाएगी। परिजनों और ग्रामीणों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ये घटना कुछ प्रकार घाटी है कि विकासखंड खिर्सू की ग्राम पंचायत कोल्ठा के भैंसकोट गांव में एक बुजु्र्ग दंपति कुुछ दिन पूर्व देहरादून से गांव लौटे थे। कल बुजुर्ग दंपति की अचनाक तबियत खराब होने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव तक पहुंचती इससे पहले ही बुजुर्ग महिला की गांव के रास्ते में ही मौत हो गई। ज‌बकि बुजुर्ग पुरुष को स्वास्थ्य विभाग की टीम उपचार के ल‌िए मेडिकल कालेज श्रीनगर के बेस अस्पताल ले गई। बुजुर्ग दंपति के कोरोना संक्रमित होने की संभावना ‌को देखते हुए गांव का कोई भी व्यक्ति महिला के शव के नजदीक नहीं आया। गांव के मुख्य रास्ते में महिला का शव पड़े होने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। वहीं मीडियाकर्मियों और ग्रामीणों ने घटना की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को भी दी। एक ग्रामीण प्रमोद स‌िंह ने बताया कि सूचना पर गांव के नजदीक एक एंबुलेंस आई लेकिन शव को ले जाने के बजाय एंबुलेंस खाली ही वापस लौट गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी गांव में कुछ पीपीई किट फैंक कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया था। शाम 6 बजे तक रास्ते में ही पड़ा रहा। बाद में परिजनों व ग्रामीणों ने ही शव को उठाने का निर्णय लिया और अंतिम संस्कार कराया।