कोरोना संक्रमित मरीजों को स्टेरॉइड्स का प्रयोग कब करना है.? जानिए दून मेडिकल कॉलेज के सीनियर फिजिशियन डॉक्टर नारायण जीत सिंह से

Uttarakhand


 देहरादून


कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान आरंभिक दौर में स्टेरॉइड्स का प्रयोग माइल्ड पेशेंट को नुकसान पहुंचा सकता है। एक्टिव इन्फेक्शन के दौरान ये स्टेरॉइड्स नुकसान करते हैं। सो, केवल गंभीर और मॉडरेट लक्षण वाले मरीजों को ही यह दिए जा सकते हैं। संक्रमण के दूसरे सप्ताह में ही स्टेरॉइड्स का प्रयोग उचित होता है।

दून मेडिकल कॉलेज के सीनियर फिजिशियन डॉ नारायण जीत सिंह ने बताया कोरोना संक्रमित मरीज के लिए जिन स्टेरॉइड्स का प्रयोग किया जा रहा है, उनमें डेक्सामेथासोन, हाइड्रोकॉर्टिसोन, मिथाइलप्रेडनिसोलोन और टोसिलिजुमैब के नाम प्रमुख हैं। इनका प्रयोग संक्रमण की दूसरी स्टेज में होता है। स्टेरॉइड्स का काम शरीर की हाइपर इम्यूनिटी को दबाना है। दरअसल, कोरोना संक्रमण के मामलों में ये देखा जा रहा है कि इम्यून सिस्टम इस वायरस से लड़ते-लड़ते बेकाबू हुआ जा रहा है। इसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहते हैं। इम्यून सिस्टम के बेकाबू होने पर ये शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगता है। स्वस्थ कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं।