हल्द्वानी/ देहरादून Big News Today
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इन दिनों महंगाई के मुद्दे पर सरकार के सामने सवाल खड़ा कर रहे हैं। आज हल्द्वानी में प्रेसवार्ता करके यशपाल आर्य ने उपचुनाव के बहाने भी सरकार पर आरोप लगाया। ( नीचे वीडियो देखिये)
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूर्ण बहुमत के साथ बनी उत्तराखण्ड सरकार की एक महीने की उपलब्धि केवल मुख्यमंत्री को उपचुनाव लड़ाने के लिये विधानसभा की एक सीट तैयार करना है। एक तरफ राज्य में इन दिनों बिजली पानी महंगाई बढ़ती बेरोजगारी और कई समस्याओं ने आम जनता का जीना दुष्वार कर रखा है। दूसरी और मुख्यमंत्री और माननीय मंत्रीमण्डल के सदस्य जनता की परेषानियों का हल खोजने के स्थान पर अपने स्वागत एवं माल्यार्पण कार्यक्रमों मंे व्यस्त हैं। यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार के 30 दिन पूरे हो रहे हैं परन्तु रोजगार, मंहगाई पर रोकथाम, बिजली पानी की समस्या पर सरकार का कोई विजन एवं भविष्य को को रोड़मैप देखने को नहीं मिला है। मुख्यमंत्री जी भी किसी तरह का निर्णय लेने के बजाय अपने उप-चुनाव के नतीजों की इंतजारी कर रहे दिख रहे हैं। आर्य ने कहा कि वर्तमान में राज्य की स्थिति ‘‘रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था’’ वाली हो रखी है।
गंगा-यमुना-भागीरथी-अलकनन्दा मंदाकिनी-शारदा सरयू, गौरी काली जैसी सदा नीरा नदियां लगभग 60 प्रतिषत भारत भूमि की प्यास बुझा रही हैं लेकिन इन नदियों का दुर्भाग्य है कि इन गर्मियों में पहाड़ से लेकर मैदान तक मैदान मे पानी के लिये त्राहिमाम वाली स्थिति हो गई है। महिलाओं तथा बच्चों को दो-दो किलामीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है। बिना नये जल स्रोतों को जोड़े हर घर नल योजना के नल जनता को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
आर्य ने कहा कि राज्य में पानी के प्रबंधन के लिये जिम्मेदार पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम, उत्तराखण्ड जल संस्थान, जलागम और उत्तराखण्ड ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना की स्वजल जैसी सरकारी संस्थायें मूकदर्षक बनी हैं। और जनता को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं। यशपाल आर्य का कहना है कि जिस जनमानस ने विधानसभा में पूर्ण बहुमत दिया है उन्हे बिजली और पानी मुहैया कराने को सरकार अधिकारियों को निर्देशित करे। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद सरकार ने उत्तराखण्ड की जनता से मिले बहुमत का ऋण बिजली के दाम बढ़ाकर वापस किया है। सरकार ने चुनाव जीतते ही एक तरफ बिजली के दाम बढ़ाये, दूसरी तरफ गर्मियों में बिजली कटौती कर उत्तराखण्ड में स्थिति कोढ़ में खाज जैसी हो गई है। राज्य में सरकार की लापरवाही के वजह से प्रदेष में विद्युत संकट पैदा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि घंटों की अघोषित बिजली कटौती हो रही है। बिजली न मिलने से उद्योग परेषान हैं और बंद होने की स्थिति में हैं। व्यवसायी परेशान हैं। परीक्षा का समय है और आठ से दस घण्टे की बिजली कटौती में कैसे अध्ययनरत् छात्र पढ़ रहे होंगे यह जानने की सरकार को फुर्सत नहीं है।