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जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स अपने आखिरी चरणों में पहुंच चुके हैं। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत इस बार ओलंपिक इतिहास में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगा। काफी हद तक ऐसा हुआ भी। मेरीकॉम और अमित पंघाल जैसे कई बड़े खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद भी भारत कुछ पदक जीतने की दौड़ में है।
ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 28 पदक हैं। इनमें नौ स्वर्ण, सात रजत और 12 कांस्य पदक शामिल हैं। सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक भारत की हॉकी टीम ने जीते हैं। देश के नाम सिर्फ एक व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड है, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान शूटिंग में जीता था।
सबसे बेहतरीन ओलंपिक अभियान की बात करें, तो 2012 में लंदन में खेले गए टूर्नामेंट में भारत के नाम कुल छह पदक थे। इस बार भारत इस आंकड़े को पार कर सकता है। हालांकि, इसके लिए भारत को बचे हुए मेडल मुकाबलों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करना होगा। आइए जानते हैं उन प्रमुख खेलों के बारे में जिससे भारत टोक्यो में इतिहास रच सकता है…
- हॉकी: दो पदक की उम्मीद
इस बार भारत की महिला और पुरुष, दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंची। हालांकि, भारत की पुरुष टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। अब टीम इंडिया कांस्य पदक के लिए दावेदारी पेश करेगी। वहीं, भारत की महिला हॉकी टीम का सेमीफाइनल मैच 4 अगस्त को होना है। ऐसे में इस टीम से अब भी स्वर्ण पदक की उम्मीद बनी हुई है। - बॉक्सिंग: कांस्य पदक से संतोष
पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना बोरगोहेन को 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, वे खाली हाथी देश नहीं लौटेंगी। उन्होंने भारत की झोली में कांस्य पदक तो डाल दिया है। अगर वे सेमीफाइनल मुकाबला जीत जातीं, तो पहली बार कोई भारतीय बॉक्सर ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक की दावेदारी पेश करता। - रेसलिंग: दो से तीन मेडल की उम्मीद
रेसलिंग (फ्री स्टाइल) के मुकाबलों की शुरुआत भी हो चुकी है। इसमें रवि कुमार दाहिया, बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया और विनेश फोगाट भारत की ओर से मेडल की दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनमें रवि और दीपक ने सेमीफाइनल में जगह बना ली है। बजरंग और विनेश के मुकाबले अभी बाकी हैं। पिछले कुछ सालों में रेसलिंग में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए इस बार भी भारत को अपने पहलवानों से काफी उम्मीदें हैं। भारत इस कैटेगरी में भी दो से तीन पदक अपने नाम कर सकता है। - एथलेटिक्स
भारत को एक पदक की उम्मीद जैवलिन थ्रो से भी है। नीरज चोपड़ा भारत की ओर से अपने मिशन की शुरुआत कर चुके हैं। उन्होंने इस कैटैगरी के फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है। 2018 एशियन गेम्स के चैम्पियन नीरज बुधवार को क्वालिफाइंग राउंड में टॉप पर रहे हैं। फाइनल 7 अगस्त को खेला जाएगा।
कुल नौ मेडल जीत सकता है भारत
इस तरह टीम इंडिया इस बार कुल नौ मेडल अपने नाम कर सकती है। फिलहाल मीराबाई चानू ने रजत, पीवी सिंधु और लवलीना ने कांस्य जीतकर भारत को तीन पदक दिला दिए हैं। इसके बाद अगर महिला हॉकी, रेसलिंग और जैवलिन थ्रो में भारतीय खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हैं, तो भारत के नाम कुल आठ से नौ पदक होंगे। इसमें हॉकी या जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक भी मिल सकता है
गोल्ड की उम्मीदों के लिए अहम दिन
4 अगस्त को रेसलिंग सेमीफाइनल (पुरुष, 57 किग्रा.) मुकाबले में रवि कुमार पर रहेगी दोपहर 2.45 बजे
4 अगस्त को रेसलिंग सेमीफाइनल (पुरुष, 86 किग्रा.) मुकाबले में दीपक पुनिया पर रहेगी दोपहर 2.45 बजे
4 अगस्त को हॉकी (महिला) का सेमीफाइनल मुकाबला अर्जेंटीना के खिलाफ दोपहर 3.30 बजे
इन खिलाड़ियों पर भी रहेगी नजर
5 अगस्त को रेसलिंग राउंड ऑफ 16 (महिला, 53 किग्रा) मुकाबले में विनेश फोगाट पर रहेगी सुबह 7.30 बजे
6 अगस्त को रेसलिंग राउंड ऑफ 16 (पुरुष, 65 किग्रा.) मुकाबले में बजरंग पुनिया पर रहेगी सुबह 7.30 बजे
7 अगस्त को जैवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा का मुकाबला शाम 4.30 बजे