देहरादून
कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश पीड़ित हो रहा है तो धीरे धीरे कोरोना की पहली जंग की तरह दूसरी जंग से भी जीतने की कोशिशें की जा रहीं हैं। उत्तराखंड में भी कोरोना की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है लेकिन पिछले कुछ दिनों में कोरोना के संक्रमण के प्रतिदिन के आंकड़ा कुछ कम हुआ है। बहरहाल इस दूसरी लहर के कुछ आंकड़े आपको आश्चर्य में डाल सकते हैं। देखिये क्या हैं वो आंकड़े।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता के दौरान कोरोना की दूसरी लहर में 1 अप्रैल से अबतक की स्थिति को लेकर कुछ जानकारियां साझा की हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि राज्य में ई-संजीवनी सेवा के सकारात्मक रिज़ल्ट मिल रहे हैं एक दिन में 1200 लोगों ने ऑनलाइन ओपीडी में डॉक्टर्स से कंसल्ट किया है ये एक अच्छी और उत्साहजनक बात है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोरोना पॉज़िटिव का प्रतिदिन का आंकड़ा घटा है और ठीक होने वालों की संख्या बढ़ी है। अमित नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज़्यादा 20 से 50वर्ष की आयु वर्ग के लोग संक्रमित हुए हैं। राज्य में कोविड पॉजिटिविटी का आंकड़ा 23 फीसदी से घटकर 15फीसदी हो गया है। उत्तराखंड में 1अप्रेल से अबतक पॉज़िटिव होने वाले मरीजों में 62फीसदी पुरुष हैं और 38फीसदी महिलाएं हैं। 0 से 9 वर्ष आयु वर्ग तक के 1.6 फीसदी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 7.3 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। 20 से 29 आयु वर्ग में 21.9 फीसदी कोरोना संक्रमित हुए हैं। 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग में 24.2 फीसदी लोग संक्रमित हुए हैं। 40 से 49 वर्ष आयु वर्ग में 18.5 फीसदी लोग पॉज़िटिव हुए हैं। 50 से 59 वर्ष आयु वर्ग में 13.3 फीसदी लोग संक्रमित हुए हैं। 60 से 69 वर्ष आयु वर्ग में 8.1 फीसदी लोग संक्रमित हुए हैं। 70 से 79 वर्ष आयु वर्ग में 3.8 फीसदी लोग पॉज़िटिव हुए हैं। 80 से 89 वर्ष आयु वर्ग के 1.1 फीसदी लोग कोरोना पॉज़िटिव हुए हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोरोना की पहली लहर में 0 से 9 वर्ष आयु वर्ग में 2.1 फीसदी पॉज़िटिव हुए थे और 10 से 19 आयु वर्ग में 8.6 फीसदी संक्रमित हुए थे। स्वास्थ्य सचिव ने सभी अस्पतालों के लिए निर्देश भी जारी किए हैं कि वे कोरोना मरीजों का सारा डेटा और जानकारी सही से और प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग को भेजें ताकि आंकड़ों में किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो सके। अगर किसी अस्पताल ने ऐसी गड़बड़ी की तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।