देहरादून ( Report by: Faizan Khan)
नेशनल हाइवे पांवटा साहिब के प्रेमनगर में पुश्ते के टूटने की घटना पर मंत्री सतपाल महाराज ने नाराजगी जताते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। लेकिन साथ ही हाइवे के पुश्ते टूटने पर ठेकेदार कंपनी दून इंफ्रा का अपनी गलती स्वीकारने वाला मंत्री का बयान भी आश्चर्य में डाल रहा है। पुश्ता टूटने की घटना में कोई हताहत नहीं हुआ ये ईश्वर की कृपा रही लेकिन ये घटना किसी की जान भी ले सकती थी। मंत्री सतपाल महाराज ने एनएच के अधिकारियों पर मौके पर ही पूरी भड़ास निकाली, लेकिन अधिकारियों से पाना इतना आसान नहीं है। लोकनिर्माण और एनएच के अधिकारियों ने मंत्री जी को शांत करते हुए बताया कि ठेकेदार कंपनी अपनी गलती मान रही है और पुश्ता दुबारा बनाएगी। मंत्री जी की सादगी देखिये कि मीडिया में भी खुलकर बोल दिया कि ठेकेदार अपनी गलती मान रहा है और दुबारा बनाएगा। अब ऐसे में नेशनल हाइवे पर करीब 15-20 फीट ऊंचा पुश्ता टूटने और उसपर अधिकारियों की लीपापोती करने की कोशिश से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे पहला तो यही सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ठेकेदार कंपनी दून इंफ्रा ने गलती मानकर राज्य सरकार पर अहसान किया है या मंत्री जी पर अहसान किया है, क्या ठेकेदार द्वारा गलती नहीं मानने की दशा में उसकी गलती नहीं कहलाती क्या? दूसरा सवाल ये है कि इतना बड़ा पुश्ता बनने के कुछ महीनों के अंदर पहली मानसून ममे ढह जाने से उसके बनावट और क्वालिटी को लेकर विभाग के संबंधित अधिकारी जवाबदेह और जिम्मेदार नहीं हैं क्या? और क्या पुश्ता निर्माण मेटेरियल की क्वालिटी, उसके डिज़ाइन और सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल खड़े नहीं होंगे क्या? रायपुर से थानों रोड के फ्लाईओवर के टूटने पर विभागीय अफसर निलंबित हुए तो एनएच का नया पुश्ता टूटने पर अफसरों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो सकती? और लाख टके का सवाल ये है कि इंजीनियरों के बनाये हुए फ्लाईओवर, पुल और पुश्ते बनते ही टूट जाते हैं लेकिन इनके कोठी बंगले बहुत मजबूत बनते हैं।
लोकनिर्माण विभाग के एचओडी हरिओम शर्मा कहते हैं कि पुश्ते का डिज़ाइन भी ठीक है और बना भी ठीक है लेकिन ठेकेदार के कारीगरों ने नीचे ड्रेनेज का काम करने में जेसीबी से ज्यादा खुदाई कर दी इसलिए पुश्ता टूट गया । एनएच के सम्बंधित अधिकारी कहते हैं कि ठेकेदार अपनी गलती मान रहा है। साथ ही मंत्री जी ने जांच के आदेश दिए हैं और जांच भी होगी। बहरहाल, ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कुछ महीने पहले ही बने इस पुश्ते के गिरने की वाकई निष्पक्ष जांच होगी और किसी पर कार्यवाई होगी भी या बस ऐसे ही खानापूर्ति करके मंत्री जी को बहला दिया जाएगा।