देहरादून। Big News Today मानसून सत्र को के बहाने विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधानसभा के सभागार में प्रेसवार्ता करके कई मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा का स्तर इस वर्ष 7-8 दिन ही चल पाया है, जबकि एक वर्ष में करीब 60 दिन का सदन चलना चाहिए। आर्य ने सरकार पर जनहित के सवालों से बचने का आरोप लगाया। प्रेसवार्ता में विधायक व पूर्व मन्त्री प्रीतम सिंह, विधायक मदन बिष्ट, गोपाल राणा, मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि आदि भी मौजूद रहे।
यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा का सत्र ठीक उसी दिन शुरू किया गया जिस दिन बागेश्वर विधानसभा के उपचुनाव में वोटिंग होनी थी। विधानसभा में स्वर्गीय चन्दनराम दास जी को श्रद्धांजलि दी जा रही थी और उस सारी कार्यवाही को बागेश्वर में लाइव दिखाया गया ताकि लोगों पर असर पड़े। आर्य ने कहा कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया, धनबल का उपयोग हुआ है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का बिल कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत ने प्राइवेट बिल के रूप में विधानसभा सदन में रखा था, उसी को सरकार अपने बिल के रूप में लेकर आई लेकिन उसको भी प्रवर समिति को भेज दिया गया है। कहा कि कांग्रेस उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में आरक्षण के पक्ष में है।
आर्य ने कहा कि अतिक्रम के मामले में सरकार ने नैनीताल क्षेत्र में लोगों के कारोबारों को समाप्त कर दिया है। सरकार न्यायालय के आदेश का हवाला दे रही है लेकिन लोगों के रोजगार को बचाने के लिए सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए था।
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आर्य ने कहा कि बेलड़ा कांड की जांच को हमने मुख्यमंत्री से मिलकर कार्यवाही की मांग की थी। विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की है लेकिन सरकार ने सीबीसीआईडी जांच बैठकर मामले को लटका दिया है। आर्य ने अंकिता भंडारी कांड पर भी सरकार पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया।
उन्होंने आपदा में भी पुनर्वास को लेकर सरकार हीलाहवाली कर रही है। मुआवजा को लेकर भी संतोषजनक कार्यवाही नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने अफसरशाही को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा कहा कि अफसरशाही बेलगाम है सरकार ध्यान नहीं दे रही है। यशपाल आर्य ने स्पीकर ऋतु खंडूरी को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्पीकर की पीठ से अफसरशाही पर नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं।