दिल्ली ( Report by: faizy)
दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में भी कावड़ यात्रा रद्द कर दी गई है। ऐसे में इस साल भक्त कांवड़ यात्रा नहीं कर सकेंगे। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी (डीडीएमए) ने कांवड़ यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है। रविवार को जारी एडवाइजरी में कहा गया है राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोविड-19 महामारी फैलने का खतरा है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहले ही एक महामारी घोषित किया जा चुका है। इसके प्रसार को रोकने के उपाय भी डीडीएमए ने सुझाए हैं। कहा गया है कि आगामी कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होगी।
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद कांवड़ यात्रा के दौरान सभाओं, जुलूस की आशंका है। कोविड-19 को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस दौरान किसी भी समारोह, जुलूस, सभा आदि की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दिल्ली के सभी जिला मजिस्ट्रेट और उनके समकक्ष जिला पुलिस उपायुक्त और अन्य सभी संबंधित प्राधिकरण इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। निर्देशों का सख्ती से अनुपालन फिल्ड के पदाधिकारी भी करेंगे। कोई व्यक्ति दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो दोषी व्यक्ति या व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। धार्मिक जगहों पर भी श्रद्धालुओ को जाने की इजाजत नहीं होगी।
भाजपा ने स्वागत किया
डीडीएमए के फैसले का भाजपा ने भी स्वागत किया है। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि डीडीएमए ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का निर्णय लोक स्वास्थ हित में लिया है। इस पर किसी राजनीतिक चर्चा की आवश्यकता नही है। दिल्ली के सभी नागरिक इस रोक का सम्मान करेंगे और हम महादेव से प्रार्थना करते हैं कि अगले वर्ष कांवड़ के पवित्र श्रावण मास तक कोविड लहरों का अंत हो जाए और हम सब कांवड़ में सम्मलित हो सकें। दिल्ली में अवैध तरीके से लगने वाले बाजार पर रोक लगाने की मांग कपूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से की है।