CBSE
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को कहा कि वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई नीति के अनुसार 16 अगस्त से 15 सितंबर, 2021 के बीच निजी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए परीक्षाएं आयोजित करेगा। सीबीएसई ने कहा, यूजीसी और सीबीएसई सभी छात्रों के हितों को देख रहे हैं और यूजीसी इन छात्रों के परिणाम के आधार पर विश्वविद्यालयों के प्रवेश कार्यक्रम को चरणबद्ध करेगा जैसा कि यूजीसी द्वारा 2020 में किया गया था।
बोर्ड द्वारा अधिसूचना नोटिस को ऐसे समझें
नियमित छात्र
जो सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पढ़ रहे हैं और पहली बार 10वीं या 12वीं कक्षा की परीक्षा दे रहे हैं।
नियमित छात्रों के मामले में, स्कूलों के पास वर्तमान वर्ष के दौरान स्कूलों द्वारा किए गए मूल्यांकन का रिकॉर्ड है।
इसलिए उनका परिणाम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित मूल्यांकन नीति के आधार पर घोषित किया जाना है।
नियमित छात्रों के मामले में, स्कूलों ने एक यूनिट टेस्ट, मिड-टर्म और प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की है और इनके आधार पर छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन होगा।
प्राइवेट छात्र
जो पहले सीबीएसई में नियमित छात्र थे और पहले या दूसरे प्रयास में उत्तीर्ण नहीं हो पाए या सुधार के लिए या अतिरिक्त विषय में बैठना चाहते हैं।
इसके अलावा, कुछ उम्मीदवार दिल्ली के प्राइवेट उम्मीदवार हैं, जिन्हें पत्राचार और महिला उम्मीदवारों की तरह सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति है।
दरअसल, प्राइवेट छात्रों का स्कूलों और सीबीएसई के पास पुराना रिकॉर्ड नहीं हैं, इसलिए, वर्तमान मूल्यांकन नीति के आधार पर उनका परिणाम तैयार नहीं किया जा सकता।
सर्वोच्च न्यायालय में भी हुई थी चर्चा
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्राइवेट छात्रों के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय में भी चर्चा की गई थी और उसके बाद नीति तय की गई थी, जिसमें निजी उम्मीदवारों के परिणाम घोषित करने के लिए लिखित परीक्षा आयोजित किए जाने पर सहमति बनी थी। इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई और अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं के साथ इस पर सहमति जताई थी। इस योजना के तहत बोर्ड 16 अगस्त, 2021 से 15 सितंबर, 2021 के बीच प्राइवेट श्रेणी के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करेगा। वहीं, उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश को लेकर उन्हें किसी भी कठिनाई से बचाने के लिए न्यूनतम समय में परिणाम भी घोषित किया जाएगा ।