सितारगंज में स्थापित होगा एक्वापर्क, केंद्र ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में दी स्वीकृति, सीएम पुष्कर धामी एवं मंत्री सौरभ ने जताया केंद्र का आभार….जानिए क्या है एक्वापार्क?

Dehradun Delhi Udham Singh Nagar Uttarakhand


देहरादून – (Big News Today) केन्द्र सरकार ने उधमसिंह नगर के सितारगंज में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क (Integrated Aqua Park) की स्थापना की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्वीकृति दी है।  कुल 44 करोड़ 50 लाख लागत की इस केन्द्र सहायतित योजना में केंद्र का अंशदान 40 करोड़ 05 लाख रुपए रहेगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की परियोजना मूल्यांकन समिति द्वारा उधमसिंह नगर के सितारगंज में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की स्थापना की संस्तुति दी गईं थी।

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि इससे मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों व मत्स्यपालकों की आय में वृद्धि होगी।

आपको बता दें कि एक्वा पार्क प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा लायी गयी एक अनूठी और अभिनव अवधारणा है, जहाँ विभिन्न मात्स्यिकी गतिविधियों को एक ही स्थान पर  किया जाता है।  माना जा रहा है कि ये मत्स्य पालको और सम्बन्धित हितधारको के लिए बहुत बढ़िया मंच प्रदान करने का कार्य करेगा। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य अन्तर्गत एक राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क की स्थापना जनपद उधमसिंहनगर में की जा रही है।

 एक्वापार्क  के अन्तर्गत विभिन्न मात्स्यिकी विकास की गतिविधियो को जोड़ा जायेगा जिसमें 01-01 पंगेशियस एवं तिलैपिया हैचरी, बायोफ्लॉक यूनिट रीसर्कुलेशन यूनिट (आर०ए०एस० ), ऑरनामेंटल फिशरीज हैचरी एवं रियरिंग यूनिट प्रसंस्करण यूनिट, प्रशिक्षण केन्द्र, इन्क्युबेशन सेन्टर, क्वांरटीन यूनिट आदि कार्य किये जायेगे ।

मत्स्य पालन बढ़ाने में उपयोगी होगा एक्वापार्क: सौरभ बहुगुणा

प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केंद्र का आभार जताते हुए कहा है कि एक्वापार्क से एक वर्ष में उत्तम गुणवत्तायुक्त 1.8 करोड मत्स्य बीज का उत्पादन, 250 मेट्रिक टन मछलियों का उत्पादन सहित 2800 टन मछलियो का प्रसंस्करण आदि कार्य किये जायेगे। एक्वापार्क की स्थापना होने पर प्रारम्भिक वर्ष में 5815 व्यक्तियों मत्स्य पालको और योजना के दसवे वर्ष से प्रति वर्ष 10445 लोगों को लाभ मिलेगा। (फीचर फोटो: साभार प्रतीकात्मक)