देहरादून
राज्य में कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुमोदन के पश्चात शासन ने राज्य के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों में ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज आदेश जारी कर दिया गया है.
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि, राज्य में कोविड 19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य के समस्त राजकीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय अशासकीय महाविद्यालय एवं मान्यता प्राप्त संस्थानों में 7 मई से 12 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। इस अवधि में राज्य के उच्च शिक्षण संस्थान बन्द रहेंगे।
इस संबंध में निदेशक उच्च शिक्षा के द्वारा भी प्रस्ताव प्रेषित किया गया था तथा विभिन्न शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों द्वारा कोरोना महामारी के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद करने की मांग की जा रही थी। जिसके क्रम में उत्तराखण्ड शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वैश्विक महामारी कोविड 19 के दूसरे लहर के दृष्टिगत समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों में 07 मई से 12 जून 2021 तक ग्रीष्मावकाश का आदेश जारी कर दिया गया है जिसमें यह भी कहा गया है कि पूर्व एवं भविष्य के अवकाशों का समायोजन किया जाएगा. इसके पूर्व 03 मई 2021 के शासनादेश के द्वारा समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अग्रिम आदेश तक बंद किया गया था. किन्तु विगत दिनों राज्य के कई शासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक एवं कार्मिक तथा उनके परिजनों के कोविड 19 से प्रभावित होने तथा विभाग के कई प्राचार्य एवं शिक्षकों के कोविड महामारी से असामयिक निधन के कारण विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य में ग्रीष्मावकाश करने का निर्देश विभागीय अधिकारीयों को दिया। इस आदेश से कोविड 19 के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में
सहायता मिलेगी तथा छात्रों सहित शिक्षक एवं कार्मिक संक्रमित होने से बच सकेंगे. विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि, छात्रों, शिक्षकों एवं कार्मिकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है, उसके लिए जो भी आवश्यक कदम होगा सरकार उठाएगी. शिक्षा के साथ लोगों का जीवन भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है. मंत्री ने यह भी कहा कि, अधिकांश महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम पूरा किया जा चुका है, तथा ग्रीष्मावकाश से छात्रों के पठन-पाठन में कोई नुकसान नहीं होगा. विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने राज्य के समस्त शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को भी उक्त के अनुसारअपने विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में ग्रीष्मावकाश के आदेश का पालन करने हेतु कहा है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को भी उक्तानुसार अपना अकादमिक कैलेंडर समायोजित करने हेतु निर्देशित किया है.