प्रदेश में फीस एक्ट के लिए लंबे समय से कवायद चल रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश के बाद विभाग की ओर से अब इसका ड्राफ्ट फाइनल कर इसे शासन को भेजा गया है।
उत्तराखंड में निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके इसके लिए सरकार फीस एक्ट लाने जा रही है। शिक्षा विभाग की ओर से इसका ड्राफ्ट तैयार कर इसे शासन को भेजा गया है। खास बात यह है कि एक्ट बनने के बाद स्कूलों के खिलाफ हर कोई शिकायत नहीं कर सकेगा। जबकि स्कूल सुविधा के अनुसार खुद फीस तय करेंगे। इससे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब स्कूलों को खुद ही फीस तय करनी है तो फीस को लेकर मनमानी कैसे रुकेगी।
स्कूलों के खिलाफ अन्य किसी की शिकायत पर अमल नहीं किया जाएगा। राज्य स्तरीय कमेटी में विभिन्न विभागों लोक निर्माण विभाग, वित्त आदि विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहेंगे। स्कूलों के खिलाफ शिकायत आने पर राज्य स्तरीय कमेटी सीए से ऑडिट करा सकेगी। जांच में यदि गड़बड़ी मिली तो सीए के ऑडिट का खर्च स्कूल वहन करेगा। वहीं यदि जांच में स्कूल के खिलाफ गड़बड़ी नहीं मिली तो ऑडिट पर आने वाले खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी। इसके अलावा जिलों में जिलाअधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी होगी।
प्रदेश में फीस एक्ट के लिए लंबे समय से कवायद चल रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश के बाद विभाग की ओर से अब इसका ड्राफ्ट फाइनल कर इसे शासन को भेजा गया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक स्कूल क्या सुविधाएं दे रहे हैं इसके हिसाब से वे खुद फीस तय करेंगे। जबकि स्कूलों के खिलाफ राज्य स्तरीय कमेटी तभी जांच करेगी। जब किसी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के वास्तविक अभिभावक शिकायत करेंगे।