सचिवालय संघ ने सीएम को लिखे पत्र जानिए क्या है मामला

Uttarakhand


देहरादून ( BNT)

      राज्य की सर्वोच्च कार्यालय इकाई के संघ द्वारा सचिवालय सहित प्रदेश के सभी कार्मिक वर्ग की वर्तमान में व्याप्त दो प्रमुख मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए जहां एक ओर भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 11% महंगाई भत्ते की अनुमन्यता के संबंध में अपने पूर्व पत्र दिनांक 19 जुलाई, 2021 के संदर्भ में सरकार से महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई दर का लाभ जुलाई माह 2021 के वेतन से ही अनुमन्य करते हुए पूर्व अवधि का एरियर इत्यादि संबंधित कार्मिकों के खातों में जल्द से जल्द भुगतान कराने का अनुरोध पुनः दोहराया है, वही कार्मिकों की अत्यंत महत्वपूर्ण एवं हितकारी मांग के रूप में वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2017 से लागू की गई वित्तीय स्तरोन्नयन की कर्मचारी विरोधी एवं त्रुटि पूर्ण एम0ए0सी0पी0 योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर सचिवालय सहित प्रदेश के कार्मिकों को वित्तीय स्तरोन्नयन की 10, 16 एवं 26 वर्ष की पूर्व व्यवस्था को पुनः लागू करते हुए विभागों के संवर्ग के ढांचे में उपलब्ध एवं सृजित पदों के वेतनमान का लाभ एसीपी के अंतर्गत दिए जाने की मांग तर्कसंगत आधार प्रस्तुत करते हुए की गई है।

     सचिवालय संघ की ओर से मा0 मुख्यमंत्री जी को आज लिखे गये 02 महत्वपूर्ण पत्रो के संदर्भ में संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा बताया गया है कि कोरोना काल में सचिवालय सहित प्रदेश के सभी कार्मिकों द्वारा अपनी जान की परवाह किए बिना आम जनमानस एवं सरकार को विषम परिस्थितियों में अपना अपेक्षित सहयोग दिया गया है। साथ ही साथ सभी कर्मचारियों द्वारा 06 माह तक अपने 1 दिन का वेतन भी सरकार को राज्य के आर्थिक संकट को सवारने हेतु दिया गया। सरकार द्वारा कोरोना कॉल मे फ्रीज किए गए महंगाई भत्ते को ततसमय सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार के अग्रिम निर्णय तक की प्रतीक्षा की गई थी। अब प्रदेश कार्मिकों को कोरोना काल में दिए गए सहयोग को देखते हुए राज्य के कार्मिकों को महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई दर का लाभ जुलाई माह के वेतन से ही दिए जाने तथा जनवरी 2020 से कोरोना काल में फ्रिज किए गए महंगाई भत्ते की समय-समय पर बढ़ी हुई दर के एरियर का भुगतान भी संबंधित कार्मिकों को किए जाने की मांग संघ द्वारा पुनः की गई है।

   इसके साथ साथ पुलिस परिवार सहित सचिवालय व प्रदेश के सभी कार्मिक वर्ग की एसीपी देयता मे संवर्ग मे सृजित पदोन्नत पद के वेतनमान की अनुमन्यता के सम्बन्ध मे संघ की ओर से वित्त विभाग पर कार्मिक विरोधी नीति के तहत कार्य किये जाने की बात उजागर करते हुए कहा गया है कि वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2017 से लागू की गयी एम0ए0सी0पी0 की व्यवस्था अन्य किसी राज्य मे नही है तथा न ही ऐसी व्यवस्था पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश मे ही विद्यमान है, ऐसी व्यवस्था सातवे वेतन आयोग की संस्तुतियो के विपरीत है तथा वेतन आयोग की किसी भी कार्मिक को सम्पूर्ण सेवाकाल मे न्यूनतम 03 पदोन्नति दिये जाने अथवा पदोन्नति न होने की स्थिति मे पदोन्नत पद के वेतनमान मे वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ दिये जाने की मूल भावना के विपरीत है। संघ की ओर से इस सम्बन्ध मे स्व0 प्रकाश पन्त जी के साथ सम्पन्न बैठक मे दिनांक 31.01.2019 को बनी सहमति का भी वर्तमान समय तक क्रियान्वयन न कराये जाने का भी आरोप वित्त विभाग पर लगाया है। सचिवालय संघ के संयोजक मण्डल की प्रमुख भूमिका मे हुये समझौते के अनुरूप सचिवालय सहित प्रदेश के सभी कार्मिको को वित्तीय स्तरोन्नयन मे वर्तमान व्यवस्था से हो रही हानि से पीडित सभी कार्मिक वर्ग, जिसमे पुलिस विभाग भी स्वतः सम्मिलित है, को बचाने व वित्त विभाग की कार्मिक वर्ग के प्रति विरोधी मानसिकता के कारण सरकार के प्रति बढ रहे असंतोष को समाप्त किये जाने के लिये सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गयी है। इस प्रकरण मे स्पष्ट रूप से एम0ए0सी0पी0 की व्यवस्था को तत्काल समाप्त कर   एसीपी की 10, 16 व 26 वर्ष की पूर्व व्यवस्था को लागू करते हुये विभागो के संवर्गीय ढाॅचे मे सृजित पदोन्नत पद के वेतनमान का लाभ एसीपी के अंतर्गत दिये जाने की मांग सचिवालय संघ द्वारा प्रमुखता से आज की गयी है।