BIG NEWS TODAY : कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने बयान जारी करके सरकार पर पंचायत चुनाव पर ऊहापोह की स्थित बनाये जाने पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पंचायत राज्य एक्ट में ये प्रावधान है की अगर पाँच साल के भीतर चुनाव नहीं करा पाए तो छह महीने के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाएँगे।
उन्होने कहा मुखिया विहीन पंचायतों में काम रुके हुए हैं। कैबिनेट में इस मुद्दे पर चर्चा हुई पर कोई सहमति नहीं बन पायी 12 जिलों में 7600 न्याय पंचायतें मुखिया विहीन हैं । प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए पंचायत अधिनियम में संशोधन के लिए राजभवन भेजा गया था पर वहाँ से इसे लौटा दिया गया।
उन्होने कहा कि यह सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। सरकार जानबूझकर पंचायत चुनावों को टाला है, क्यूंकि सरकार को पता है कि निकाये चुनाव में पहाड़ की जानता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है। इस बात से भाजपा डरी हुई है, एक देश एक चुनाव की बात करने वाली भाजपा अपने प्रदेश में निगम और बिकते चुनाव एक साथ नहीं करा पायी। भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है।
प्रतिमा सिंह ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों पर अब मंडरा रहा है संवैधानिक संकट पंचायत चुनाव को लेकर ऊहापोह बना हुआ है। यह मुद्दा हाई कोर्ट में भी यह विषय विचाराधीन है पूर्व में शासन ने शपथ पत्र दिया था कि जुलाई में चुनाव करा लिए जाएँगे पर सरकार की स्थित ऐसी नज़र नहीं आ रही है कि वो चुनाव कराने में सक्षम है।
प्रतिमा सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ओबीसी का आरक्षण नए सिरे से निर्धारित होना है पर सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला लिया हो ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है देखना है की हाई कोर्ट में क्या जवाब देगी सरकार।