देहरादून (Big News Today)
देहरादून में गांधी जयंती के शुभ अवसर न केवल ‘कुशल भारत कौशल भारत ‘ प्रदर्शनी का आयोजन किया बल्कि ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन, खादी फॉर ट्रांसफोरमेशन’ को भी बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए खादी प्रदर्शनी एवम् कला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया।
मुख्य अतिथि राम नारायण राज्य निदेशक प्रभारी, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय {भारत सरकार } देहरादून, उत्तराखंड के द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया, इनके निजी सहायक विजेंद्र जी भी उपस्थित रहे। विद्यालय की सजावट, रंगारंग कार्यक्रमो और प्रदर्शनी ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
विद्यालय के प्राचार्य और आयोजक संजय कुमार ने शिक्षकों और बच्चों की मेहनत को खूब सराहा और कहा कि हमारा विद्यालय स्किल इंडिया मिशन SIM की तरफ़ लगातार अग्रसर है और इसका श्रेय विद्यालय की कला शिक्षिका कहकशाँ और उनकी टीम और विद्यार्थियों को दिया। साथ ही खादी और कुशल भारत कौशल भारत को बढ़ावा देने के लिए आगामी योजनाओं के बारे में भी बताया।
कार्यक्रम का संचालन संगीता डोभाल ने किया, कहकशाँ और अनुराधा आहूजा के नेतृत्व में अंजू , रूबी, राहुल, वैशाली , अनिला, रितु काला , वर्षा , कुलदीप, नवीन, अनिल रावत, ए के श्रीवास्तव, आंचल, सोनम, मिनाक्षी शाह, रेखा, अनिल रावत, शालिनी त्रिपाठी, संजना, वी के नोडियल, संजय वर्मा, सीमा और बलविंदर आदि शिक्षकों ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
विद्यालय के उप प्राचार्य सचिन कुमार राठौर और अजय गिलढियाल एवम् विद्यालय के कैप्टन दीपाली और तनिष्क ने कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राज किशन और उनकी टीम ने रामधुन से, छात्रा ऐशलिषा ने अपने नृत्य से ,मुहम्मद अदी और अर्शिया ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया।
इसी उपलक्ष पर खादी ग्रामोद्योग की ओर से ‘देश के लिऐ खादी फैशन के लिए खादी और बदलाव के लिए खादी ‘ विषय पर कराई गई प्रतियोगिता में जीतने वाले बच्चों और लघु नाटिका करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र एवम् इनाम की धन राशि भी मुख्य अथिति द्वारा प्रदान की गई।
तस्वीरों में देखिये कितने उत्साह और भविष्य के लिए प्रेरक उद्देश्य से मनाया गया केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी में गांधी जयंती का कार्यक्रम
कला विषय की शिक्षिका श्रीमती कहकशाँ ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों में खादी का महत्व एवं खादी के उपयोग के लिए प्रेरित करना भी रहा है, क्योंकि आज खादी भी फैशन में कहीं पीछे नहीं है।