देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे। आप प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने आप प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता आयोजित करते हुए परिसंपत्ति मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह और बीजेपी सरकार पर जनता को बरगलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल से चले आ रहे ,परिसंपत्तियों के बंटवारे के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार का झूठ, फरेब और पाखंड एक बार फिर से उजागर हुआ है। 21 साल पहले जिस भाजपा ने हमारी परिसंपत्तियों का हक हमसे छीना था, आज 21 साल बाद उन्हीं परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर भाजपा फिर झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि साल 2000 में जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ तब भी केंद्र में, यूपी में और नवोदित उत्तराखंड में भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार थी। आज 21 साल बाद भी ट्रिपल इंजन की सरकार है। लेकिन इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे का समाधान नहीं हो पाना ,भाजपा और सरकार के नकारेपन का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ पहुंचकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल परिसंप्पतियों के बंटवारे को लेकर कहा था कि, हमारी उत्तराखंड सरकार से इस दिशा में बातचीत हो गई है। वो एक कोरा झूठ था। बीजेपी नेताओं ने बाबा केदार से ही जनता को अपने झूठ से भ्रमित किया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने भी परिसंप्पितयों को लेकर प्रदेश की जनता से झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की। अब सीएम धामी भी उसी राह पर चल पडे हैं। वो भी चुनाव नजदीक आता देख सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। पिरशाली ने कहा अगर 21 पुराने मामले का समाधान अब हुआ है तो इससे पहले के मुख्यमंत्रियों ने क्या जनता से सिर्फ झूठ बोला था। इसमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों की सरकारें शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस मामले को सुलझाने की बात कही थी ,लेकिन वो सिर्फ एक कोरा झूठ था। आज भी 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परिसंपत्तियों का मामला उलझा हुआ है। बीजेपी के साथ कांग्रेस भी इस झूठ में बराबर की हिस्सेदार है।
आप प्रवक्ता ने कहा,भाजपा और कांग्रेस दोनों ही, कभी भी परिसंपत्तियों के बंटवारे के मुद्दे पर उत्तराखंड के साथ खड़े नहीं रहे।यदि इन दोनों दलों को उत्तराखंड से प्रेम होता तो ,21 साल बाद भी परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला अनसुलझा नहीं होता। जिस दिन उत्तराखंड राज्य बना, यदि ये दोनों ही पार्टियां उसी दिन उत्तराखंड के हक के पक्ष में आवाज उठाते तो आज हमें इस कदर लाचार नहीं होना पड़ता। उन्होंने आगे कहा कि सबसे बड़ी दोषी भाजपा है ,जिसने 21 साल पहले राज्य गठन से ठीक दो दिन पहले 7 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को मिलने वाली तमाम संपत्तियों को साजिशन उत्तर प्रदेश के कब्जे में डाल दिया। और आज भी बीजेपी के मुख्यमंत्री जनता से झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप पार्टी मुख्यमंत्री धामी को खुली चुनौती देती है कि इन सारी संपत्तियों, का ब्यौरा प्रदेश की जनता को दें। बाकी बची संपत्ति वापस मिलने की तारीख तय करें। सीएम धामी को जनता को संपत्तियों बंटवारे का लिखित आदेश दिखाएं। सीएम धामी सिर्फ चुनावी पैंतरे अपना रहे हैं जिसे जनता जान चुकी है और आने वाले चुनाव में जनता इस झूठ का कडा जवाब देगी।
