प्यारी पहाड़न : विवाद और फिर सफलता से प्रीति के लिए आया ‘बिग बॉस’ का बुलावा

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कौन हैं “प्यारी पहाड़न” की मालकिन प्रीति मेन्दोलिया?

(Report: Mo Faheem ‘Tanha’) :

देहरादून की एक सफल महिला उद्यमी और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक प्रीति मेन्दोलिया को बिगबॉस से बुलावा आया है I अगले शो में प्रीति शामिल हो सकती हैं I big boss से बुलावा मिलने की जानकारी खुद प्रीति ने 12-13 नवंबर 2025 की आधी रात को Facebook पर अपनी एक पोस्ट साझा करके दी है I ये देहरादून ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है I इससे महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी, क्योंकि प्रीति मेन्दोलिया की एक सफ़ल एंटरप्रिन्यौर बनने की बहुत संघर्ष और रोचक कहानी हैI

Image: प्रीति की Facebook post का screenshot

देहरादून की रहने वाली प्रीति मेन्दोलिया आज उत्तराखंड में एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं। पहाड़ की इस बेटी ने न सिर्फ अपनी मेहनत और हिम्मत से पहचान बनाई, बल्कि पहाड़ी संस्कृति को सम्मान दिलाने की कोशिश में भी एक नई पहल शुरू की — “प्यारी पहाड़न” नाम से एक रेस्टोरेंट खोलकर।

प्यार से शुरू हुआ, विवादों में घिरा नाम

प्रीति ने “प्यारी पहाड़न” नाम से देहरादून के कार्गी चौक क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट खोला था। इस रेस्टोरेंट का उद्देश्य था — उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजन, स्वाद और संस्कृति को लोगों तक पहुँचाना।
उन्होंने इस नाम को पहाड़ी महिलाओं की मेहनत, आत्मसम्मान और सादगी को दर्शाने वाला प्रतीक बताया।

Pyari pahadan restro

लेकिन सोशल मीडिया पर “प्यारी पहाड़न” नाम को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई। कुछ संगठनों का कहना था कि इस नाम से पहाड़ी महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचती है। मामला इतना बढ़ा कि विरोध प्रदर्शन और ट्रोलिंग तक शुरू हो गई।

विरोध और समर्थन दोनों मिला

विवाद बढ़ने पर प्रीति ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका इरादा कभी किसी का अपमान करने का नहीं था — बल्कि “प्यारी पहाड़न” नाम के ज़रिए वो यह दिखाना चाहती थीं कि पहाड़ी महिलाएँ प्यार, मेहनत और आत्म-सम्मान की मिसाल होती हैं।

विवाद के बीच जहाँ कुछ लोगों ने नाम बदलने की मांग की, वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने प्रीति का समर्थन भी किया। कई सामाजिक संगठनों, स्थानीय नेताओं और युवाओं ने उन्हें सराहा और कहा कि पहाड़ी पहचान को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करने का यह साहसिक प्रयास है।

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अब बन गया पहचान का प्रतीक

आज “प्यारी पहाड़न” सिर्फ एक रेस्टोरेंट नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुका है। यहाँ पारंपरिक पहाड़ी थाली, झोली-भात, भांग की चटनी, मंडुवे की रोटी जैसे व्यंजन मिलते हैं, जिन्हें लोग बड़ी रुचि से चखने आते हैं।

प्रीति मेन्दोलिया ने कहा था कि —

“मेरा मकसद पहाड़ी महिलाओं को ‘प्यारी’ कहकर उनका सम्मान करना है। मैं चाहती हूँ कि लोग हमारे खान-पान और संस्कृति को प्यार से अपनाएँ, न कि उससे दूरी बनाएँ।”

देहरादून से शुरू हुआ यह सफ़र अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय है। कई युवाओं के लिए प्रीति आज एक प्रेरणा हैं — जिन्होंने दिखाया कि अपनी जड़ों से जुड़कर भी आधुनिक पहचान बनाई जा सकती है।

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