मुख्यमंत्री ने की चार धाम यात्रा, पेयजल, विद्युत आपूर्ति तथा वनाग्नि रोकथाम प्रबंधन की समीक्षा

Dehradun Uttarakhand


देहरादून, बिग न्यूज़ टुडे: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. मौजूदा स्थिति ये है कि अभी भी व्यवस्थाएं सुचारू नहीं हो पा रही है. जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चारधाम यात्रा, पेयजल और विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं के साथ ही वनाग्नि की रोकथाम को लेकर आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी हर समय सतर्क रहें. साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री देवभूमि से सुखद संदेश लेकर जाएं, इस दिशा में प्रयास करें.

सीएम पुष्कर धामी ने अधिकारियों को हर वक्त सतर्क रहने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय बनाते हुए तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद और सुरक्षित बनाए जाने का प्रयास करें. देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों, ये हमारी जिम्मेदारी और उद्देश्य भी होना चाहिए. बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ा है. क्योंकि, लाखों लोगों की रोजी-रोटी इसी से जुड़ी हुई है.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चारधाम यात्रा में भी पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। पेयजल से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखें। जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल व्यवस्था की जाए।  यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाए. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या तय की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए. इसके साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन के जो श्रद्धालु उत्तराखंड की सीमा के अंदर प्रवेश कर चुके हैं. उन्हें चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं तो उन यात्रियों को वहां भेजने का भी प्रयास किया जाए. अधिकारी ग्राउंड पर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही श्रद्धालुओं से फीडबैक भी लें. ताकि, छोटी-छोटी कमियों को भी दूर किया जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। इसके लिए तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। राज्य में विद्युत की मांग के अनुसार आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये है।

मुख्यमंत्री ने वनाग्नि को रोकने के लिये जन जागरूकता पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय।