देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय में आयोजित महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान अति विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यपाल ले.ज. सेनि गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे।

इस दौरान उप राष्ट्रपति ने कहा कि विद्या एवं संस्कारों की तपस्थली में वेद-विज्ञान, संस्कृति महाकुम्भ जैसे वृहद आयोजन में मुझे आमंत्रित करके जो सम्मान दिया गया है उसके लिए मैं हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती वर्ष के अवसर पर उनके शिक्षा दर्शन को आत्मसात करने वाली संस्था में स्वयं को पाकर बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैदिक ज्ञान विज्ञान और आर्य परंपरा के प्रसार के लिए एवं सांस्कृतिक सामाजिक परिवर्तन के लिए विभिन्न आंदोलन के स्वामी दयानंद सरस्वती सूत्रधार और प्रवर्तन रहे हैं। कुल 25 मिनट के भाषण में उपराष्ट्रपति ने ज्ञान विज्ञान और संस्कृति पर आधारित चिंतन के महाकुंभ की सराहना की। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक साम्राज्य हमारी नई शिक्षा नीति को पचा नहीं पा रहा है। उनके पाचन क्रिया को ठीक करना होगा और स्वयं मूल्यांकन करते हुए अपने सनातन अस्तित्व को पहचानना होगा

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” के स्वप्न को साकार करने के साथ ही सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए हमारी डबल इंजन की सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया ।

