रोज़गार, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने की तैयारी

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उत्तराखंड बना निवेश का नया हब, 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग से बदलेगी अर्थव्यवस्था की तस्वीर

BIG NEWS TODAY | Report : Mo Faheem ‘Tanha’ | 21 July, 2025 #bignewstoday

उत्तराखंड में औद्योगिक निवेश की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। रुद्रपुर में 19 जुलाई को आयोजित ‘उत्तराखंड निवेश उत्सव’ के दौरान राज्य सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश को धरातल पर उतारने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह पहल उत्तराखंड को पर्यटन राज्य से आगे बढ़ाकर एक मज़बूत औद्योगिक और आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।

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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से ग्राउंडिंग तक: ज़मीनी स्तर पर दिखा असर

दिसंबर 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। हालांकि, सिर्फ समझौते करना पर्याप्त नहीं होता — असली उपलब्धि तब होती है जब निवेश धरातल पर उतरे। और अब सरकार के अनुसार, 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं निर्माण, उत्पादन और रोज़गार सृजन के स्तर पर पहुंच चुकी हैं।

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20 से अधिक क्षेत्रों में निवेश, दो लाख से ज़्यादा रोज़गार की उम्मीद

यह निवेश आईटी, बायोटेक, फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, ऊर्जा, पर्यटन और ऑटोमोबाइल जैसे 20 से अधिक क्षेत्रों में हो रहा है। इसके ज़रिये प्रदेश में लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में होमस्टे, इको-टूरिज्म और हर्बल फार्मिंग जैसे स्वरोज़गार के मॉडल को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पलायन की चुनौती को कम करने में सहायता मिल सकती है।

नीतिगत सुधारों और बुनियादी ढांचे ने बढ़ाया निवेशकों का भरोसा

राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई रणनीतिक निर्णय लिए हैं।

  • सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम
  • ऑनलाइन अनुमतियों की प्रक्रिया
  • नई औद्योगिक, पर्यटन, स्टार्टअप और ईवी नीतियां

इन सभी प्रयासों ने निवेशकों के लिए उत्तराखंड को एक सुगम और भरोसेमंद गंतव्य बना दिया है। इसके साथ ही ऑल वेदर रोड, रेलवे कनेक्टिविटी, और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जैसी परियोजनाओं पर तेज़ी से काम चल रहा है।

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विशेषज्ञों की चेतावनी: विकास के साथ संतुलन भी ज़रूरी

आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह निवेश पूरी तरह से टिकाऊ रूप से ज़मीन पर उतरता है, तो आने वाले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी में 10–12% तक की वृद्धि संभव है।

हालांकि, पर्यावरणीय संवेदनशीलता, भूमि अधिग्रहण और स्थानीय समुदायों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस निवेश को स्थायित्व, पारदर्शिता और जनहित की कसौटी पर खरा उतार पाती है या नहीं।


निष्कर्ष:
‘उत्तराखंड निवेश उत्सव’ न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह एक स्पष्ट संकेत है कि राज्य अब आर्थिक आत्मनिर्भरता और तेज़ विकास के रास्ते पर मज़बूती से आगे बढ़ रहा है।

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