जोशीमठ/देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे: भूधंसाव से जूझ रहे चमोली जिले के जोशीमठ में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना का विरोध तेज होता जा रहा है। शुक्रवार को विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना और हेलंग मारवाड़ी बाईपास परियोजना के विरोध में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले जुलूस निकालकर एनटीपीसी और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भूधंसाव को लेकर स्थिति साफ नहीं करने का आरोप भी लगाया। कहा कि विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना और हेलंग मारवाड़ी बाईपास परियोजना को बंद नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे। इसके अलावा जल्द से जल्द स्थायी पुनर्वास और मुआवजा घोषित करने की मांग भी उठाई गई। जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव के लिए अधिकांश स्थानीय लोग एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग को जिम्मेदार मानते हैं।
शुक्रवार को प्रदर्शनकारी एनटीपीसी और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए संस्कृत महाविद्यालय पहुंचे। यहां जनसभा में वक्ताओं ने कहा कि जब विज्ञानियों ने जोशीमठ की भूगर्भीय स्थिति का सर्वेक्षण पूरा कर लिया है तो उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में देरी क्यों की जा रही है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि भवन ध्वस्त किए जा रहे हैं, लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि मुआवजा कितना देंगे। उन्होंने हा कि अफसर एनटीपीसी का पक्ष ले रहे हैं। 14 महीनों तक जोशीमठ के हालात को लेकर दी जा रही चेतावनी की अनदेखी की जाती रही।