farmers and villagers are on agitation on national high 119 meerut pauri

निर्माणाधीन मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे-119 पर लालपुर भिक्खा में ग्रामीण बैठे धरने पर, जानिए क्या है मामला

Bijnor Dehradun Delhi Uttar Pradesh Uttarakhand


नजीबाबाद Big News Today ( जनपद बिजनौर ) Report By: Adv. Mohd Faiz राष्ट्रीय राजमार्ग 119 मेरठ – पौड़ी का निर्माण तेजी से हो रहा हैI लेकिन साहनपुर रियासत क्षेत्र के हाईवे पर लालपुर भिखा में कुछ गांवों को ग्रामीण व किसान धरने पर बैठ गए हैं। NH 119 Meerut Pauri ये इलाक़ा नजीबाबाद तहसील क्षेत्र में आता हैI ग्रामीण किसानों की मांग है कि हाइवे के लिए उनके गांवों और खेतों को जोड़ने वाला चकरोड बंद नहीं किया जाना चाहिए I बल्कि हाईवे के नीचे रास्ते (अंडरपास) underpass बनाया जाएI

सुनिए क्या कहते हैं एडवोकेट जाफिर हुसैन

एडवोकेट जाफिर हुसैन सहित चौधरी अजित सिंह, भाकियू ब्लॉक अध्यक्ष नितिन राजपूत सहित कई ग्रामीण कहते हैं कि करीब 20 फुट से ज़्यादा चौड़ी चकरोड सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। जबकि गांव विजयपुर, प्रेमपुर, गुलालपुर, जादवपुर, गुढ़ा, गिरदावा साहनपुर सहित कई गांवों को आपस में जोड़ती हैI ये चकरोड सरकारी रिकोर्ड में दर्ज है जो कि दशकों से चली आ रही है.I अगर NH 119 Meerut Pauri नेशनल हाइवे ने चकरोड नहीं छोड़ी तो आंदोलन किया जायेगाI 

सुनिए क्या कहते हैं ग्रामीण व किसान

आपको बता दें कि ये तस्वीरें रविवार 22 अक्टूबर की है। लेकिन धरना स्थल पर प्रभावित गांवों के किसान और ग्रामीण लगातार धरना दे रहे हैं। इसमें भारतीय किसान यूनियन से जुड़े सदस्य भी शामिल हैंI

सुनिए क्या कहते हैं ग्रामीण व किसान, अब्दुल कादिर

जंगल के इस इलाके में गुलदार का खतरा भी बना रहता है, जंगली जानवरों के खतरे के बीच निर्माणाधीन हाइवे पर लालपुर भिखा में ये किसान तंबू गाड़ कर दिन रात बैठे हैं.I

सुनिए क्या कहते हैं भाकियू ब्लॉक अध्यक्ष नितिन राजपूत

इनका कहना है कि जब तक चकरोड का अंडरपास –  नहीं बनेगा तब तक ये धरने से नहीं हटेंगे. I किसानों का कहना है कि अपनी समस्या और मांग को लेकर इन्होंने हाइवे प्रोजेक्ट के पीडी यानी प्रोजेक्ट डाइरेक्टर से बात करने की कोशिश की लेकिन इनको उल्टा सीधा बोल कर लौटा दिया गयाI

सुनिए क्या कहते हैं चौधरी अजित सिंह

धरने पर बैठने वालों में भारतीय किसान यूनियन के नितिन राजपूत, एडवोकेट जाफिर हुसैन, चौधरी अजित सिंह, अब्दुल कादिर, सुशील कुमार, तथा अंजार हुसैन आदि शामिल रहे।

सुनिए क्या कहते हैं ग्रामीण व किसान

अपने खेतों में और एक-दूसरे गांव में आने-जाने का रास्ता बंद ना करने की मांग कर रहे ये किसान अधिकारियों द्वारा अपनी सुनवाई की उम्मीद में जंगल में बैठे हैं ।