Dharm parivartan par case darj

Uttarakhand


देहरादून

उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनने के बाद उत्तराखंड में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है, पटेलनगर कोतवाली में दर्ज इस मुकदमे में जांच शुरू कर दी गई है। देहरादून में धर्म परिवर्तन के मामले में लड़की, लड़का, निकाह कराने वाले काजी और एक अन्य के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया गया है। धर्म परिवर्तन के लिए उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम- 2018 के नियमों का पालन नहीं करने पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

थाना प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पिछले दिनों नयागांव पटेलनगर निवासी एक युवक ने हाईकोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और जिलाधिकारी देहरादून को जांच कराने के आदेश दिए थे। प्राथमिक जांच में पाया गया कि युवक की डेढ़ साल पहले रुद्रप्रयाग की मूल निवासी तथा वर्तमान में बसंत विहार निवासी एक युवती के साथ जान-पहचान हुई थी, दोनों बालिग थे और दोनों ने निकाह करने का फैसला कर लिया। 26 सितंबर 2020 को युवक के फूफा की मौजूदगी में लड़की का नाम बदलकर निकाह करा दिया गया था।

जांच में पाया गया है कि धर्म परिवर्तन के लिए उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम- 2018 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। क्योंकि, धर्म परिवर्तन के लिए उन्हें एक महीने पहले ही प्रशासन को अवगत कराना था। जांच में पूरी तरह से इस मामले में सभी चारों की गलती सामने आई है। इस प्रकरण में चारों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।