देहरादून। (BIG NEWS TODAY Bureau) : उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का कहना है कि भगवानपुर की ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल को निलंबित किया गया, लेकिन असली खेल तो उनके ताऊ देशराज कर्णवाल का है। दसौनी ने कहा कि वीडियो सबूतों में साफ दिख रहा है कि देशराज कर्णवाल खुद ब्लॉक प्रमुख का कार्यालय चला रहे थे, जबकि जनप्रतिनिधि उनकी भतीजी थीं। यह सत्ता का खुला दुरुपयोग है। गरिमा ने कहा कि महिला प्रतिनिधियों को सिर्फ मुखौटा बनाकर सत्ता का संचालन खुद करना भाजपा का नया मॉडल बन चुका है।
गरिमा ने कहा कि सरकार बताएं अगर वीडियो सबूत मौजूद थे, तो कार्रवाई इतनी देर से क्यों हुई? क्या जब तक मामला मीडिया में नहीं आता, तब तक भाजपा सरकार अपने नेताओं को बचाती रहती है? गरिमा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा मंचों से ‘नारी शक्ति’ की बात करती है, और जमीन पर महिलाओं को सिर्फ अपने परिवार के पुरुषों की कठपुतली बनाकर रखती है। ये है भाजपा का असली ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ मॉडल । बेटी बचाओ, पद खुद चलाओ!
एक बयान जारी करके, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि हम मांग करते है कि देशराज कर्णवाल पर तुरंत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए, और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो। ये सिर्फ एक ब्लॉक का मामला नहीं बल्कि ये भाजपा के चरित्र का आईना है!
गरिमा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने पंचायत में महिलाओं को उनका आधी आबादी होने का हक दिलाते हुए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की उसी की वजह से आज पूरे देश में महिलाएं देश की राजनीति में अग्रणी भूमिका में दिखाई दे रही है लेकिन भगवानपुर का प्रकरण उत्तराखंड को शर्मसार करने वाला है जहां जनप्रतिनिधि कोई और चुना जाता है और राज पाठ कोई और चलाता है।
इस मामले में पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल का खबर लिखे जाने तक कोई पक्ष प्राप्त नहीं हुआ था। पक्ष प्राप्त होते ही प्रकाशित-प्रसारित कर दिया जाएगा।