बुजुर्ग दंपत्ति को घर से निकालने की घटना को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने लिया बहुत गंभीरता से, सभी डीएम को दी जिम्मेदारी

Dehradun Delhi Mussoorie Uttarakhand


    वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं सुनेंगे जिलाधिकारी: मुख्यमंत्री
    माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 सख्ती से होगा लागू

    देहरादून, 09 जुलाई 2025। BIG NEWS TODAY : अब उत्तराखंड राज्य में कोई औलाद या उत्तराधिकारी अपने बुजुर्गों को बेइज्जत करेगा या घर से निकालेगा तो उसकी खैर नहीं होगी, ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कड़े आदेश जारी किए हैं। आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों माता-पिता से गिफ्ट डीड में संपत्ति हासिल करने के बाद औलाद ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को घर से निकाल दिया था। मामला देहरादून डीएम के सामने आया तो उस पर सख्त कार्यवाई हुई और वो गिफ्ट डीड ही जिला प्रशासन ने कैंसिल करा दी, उसके बाद बुजुर्ग दंपत्ति को सम्मान सहित अपना मकान वापस मिला।

    मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने दिखाई संवेदनशीलता

    बुजुर्गों के प्रति संतान या उत्तराधिकारियों के सौतेले, दुखदायी और संवेदनहीन व्यवहार के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने संवेदनशीलता दिखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा है कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों को गरिमा और संरक्षण प्रदान करने के लिए प्रति प्रतिबद्ध है, इसी क्रम में जिलाधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण का पीठासीन अधिकारी बनाते हुए, उन्हें संबंधित शिकायतों का निस्तारण करने को कहा गया है।

    सख्ती से अमल में लाया जाएगा 2007 का कानून

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लागू ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 (MWPSC Act, 2007)’ को प्रभावी ढंग से अमल में लाया जाए। यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों एवं माता-पिता को उनके बच्चों, बालिक पोते-पोतियों अथवा संपत्ति के उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की वैधानिक व्यवस्था प्रदान करता है। इस कानून को अमल में लाने के लिए राज्य में जिला स्तर पर कुल 13 अपीलीय भरण-पोषण अधिकरण एवं सब डिवीजन स्तर पर 69 से अधिक भरण-पोषण अधिकरण कार्यरत हैं। जहां भरण-पोषण की राशि अधिकतम ₹10,000 प्रति माह निर्धारित की जा सकती है।

    मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से की अपील

    “उत्तराखंड सरकार अपने वरिष्ठ नागरिकों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों से विनम्र अपील है कि यदि आप जीवन-यापन हेतु उपेक्षित महसूस करते हैं, तो अविलंब अपने नजदीकी भरण-पोषण अधिकरण (Maintenance Tribunal)अथवा जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) से संपर्क करें।” : पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

    कल्याण परिषद का गठन
    
    राज्य में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन करते हुए रामचंद्र गौड़ को अध्यक्ष, तथा शांति मेहरा, नवीन वर्मा, और हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

    जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण, डीएम

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट हैं, इसलिए उन पर इस कानून को सख्ती से अमल में लाते हुए, वरिष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है। साथ ही तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी भरण पोषण संबंधित अधिकरण के पीठासीन अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी  (DSWO) पदेन भरण-पोषण अधिकारी के रूप में जिम्मेदार बनाए गए हैं।

    संपत्ति हस्तांतरण में सुरक्षा प्रावधान
    कानून के तहत यदि कोई वरिष्ठ नागरिक देखभाल की शर्त पर संपत्ति हस्तांतरित करता है, लेकिन इसके बाद तय शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो अधिकरण उस हस्तांतरण को अमान्य घोषित करते हुए, संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकता है।

    वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं
    बागेश्वर, चमोली एवं उत्तरकाशी जिलों में निशुल्क वृद्ध एवं निशक्तजन आवास गृह संचालित किए जा रहे हैं। जहां कई जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक निवासरत हैं।