नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मनसा देवी मंदिर भगदड़ को लेकर जताया दुख, उठाया व्यवस्था पर सवाल

Dehradun Delhi Haldwani Mussoorie Nainital Uttarakhand


BIG NEWS TODAY : उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हरिद्वार के पावन मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की घटना में अब तक 7 श्रद्धालुओं की मौत पूरी तरह से प्रशासन की असफलता और सरकार की लापरवाही का परिणाम है। कई श्रद्धालु अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं एवं अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

उन्होंने दिवंगत आत्माओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। एक बयान जारी करके यशपाल आर्य ने कहा कि श्रावण मास शिवरात्रि के बाद का प्रथम शनिवार और रविवार हरिद्वार में अधिक भीड़ का समय होता है। यह बात हर वर्ष प्रशासन को ज्ञात रहती है, फिर भी कोई पुख्ता तैयारी नहीं की गई। प्रदेश में पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुलिसकर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई हैं।

पर्याप्त पुलिस बल होता तो शायद आज इस घटना को रोका जा सकता था। भीड़ नियंत्रण के मानक नियम इस बार पूरी तरह नजरअंदाज किए गए। सीढ़ी वाले रास्ते को भीड़ बढ़ने पर हमेशा वन-वे कर दिया जाता है, लेकिन आज दोनों ओर से आवाजाही चालू रखी गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंदिर कमेटी ने पुलिस-प्रशासन के साथ कोई तालमेल नहीं बनाया। भीड़ बढ़ने के बाद मंदिर प्रशासन को चाहिए था कि पुलिस-प्रशासन को सूचना देकर हालात से अवगत कराया जाए। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने सबसे पहले रेस्क्यू कार्य शुरू किया, जबकि पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में 20 मिनट का समय लग गया, जिससे कई जानें बचाई नहीं जा सकी।

यशपाल आर्य ने कहा कि स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात करने पर स्पष्ट हुआ कि सरकार असली मौत का आंकड़ा छुपा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 15 के पार जा सकती है, लेकिन प्रशासन सच्चाई सामने नहीं ला रहा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की माँग है की हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मृतकों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए और हादसे की पूरी सच्चाई जनता के सामने लाई जाए। साथ ही सरकार को जवाब देना होगा कि लापरवाही से हुई इस त्रासदी की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?