स्थिति स्पष्ट: पेयजल कर्मियों के आंदोलन-हड़ताल को जल संस्थान प्रबंधन का समर्थन नहीं, शासन ने हड़ताल पर लगाया एस्मा

Uttarakhand


BIG NEWS TODAY : उत्तराखंड जल संस्थान प्रबंधन तंत्र ने कर्मचारियों की हड़ताल से अलग रहने को स्पष्ट कर दिया है. दूसरी तरफ शासन ने हड़ताल पर ऐसमा लागू कर दिया है I उत्तराखंड जल संस्थान ने जल निगम जल संस्थान कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के साथ वार्ता में जल संस्थान के राजकीयकरण को लेकर बनी सहमति का उल्लेख किया, लेकिन कर्मचारियों के 27 फरवरी के आंदोलन से खुद को अलग रखा है. इसको लेकर जल संस्थान के प्रशासन सचिव सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने निम्न पत्र जारी किया है. जिसको हम हूबहू प्रकाशित कर रहे हैं I

पत्रांक- मैमो /मु०म०प्र० / उ०ज०स० / अप्रै० / सामान्य / 2023-24 दिनांक 25.02.2024

दूरभाष: (का०) 0135-2676260, 0135-2878177

उत्तराखण्ड जल संस्थान, ‘जलभवन’ बी-ब्लॉक, नेहरू कालोनी, देहरादून- 248001

“प्रेस विज्ञप्ति”

दिनांक 24.02.2024 मुख्यालय जल संस्थान के सभागार में पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान का एकीकरण कर राजकीयकरण किये जाने के विषय पर मंतव्य जानने हेतु समस्त अधिकारियों एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान के समस्त विभागीय संघो की बैठक सम्पन्न हुयी ।

बैठक में जल संस्थान के अधिकारियों एवं समस्त विभागीय श्रम संघो के मध्य सर्व सम्मति से निम्न अभिमत किये गये:-

1. जल संस्थान एकीकरण के लिए सहमत नहीं।

2. जल संस्थान को राजकीयकरण की नितान्त आवश्यकता है।

3. राजकीयकरण के साथ एकीकरण होने पर सहमति व्यक्त की गयी, किन्तु इससे पूर्व जल संस्थान के समस्त संवर्गों यथा- अभियन्त्रण संवर्ग, लेखा संवर्ग, मिनीस्ट्रीयल संवर्ग, इत्यादि संवर्गों की वरिष्ठता क्रम का निर्धारण, जल संस्थान का कार्यों का दायित्व एवं जल संस्थान का ढांचा राजकीयकरण के पश्चात समान्तर रूप से असतित्व में रहे के विस्तृत विश्लेषण हेतु छः माह का पृथक से समय दिये जाने की अपेक्षा की गयी।

बैठक में विभागीय अधिकारियों एवं उपस्थित समस्त संघो यूनियनों के द्वारा जल निगम एवं जल संस्थान संयुक्त मोर्चा के दिनांक 27.02.2024 को प्रस्तावित आन्दोलन में भागीदारी के सम्बन्ध में कोई सहमति नही दी गयी।

( सतेन्द्र कुमार गुप्ता) सचिव प्रशासन