Breaking-: IAS राम विलास यादव हुए गिरफ्तार, आय से 522 गुना अधिक संपत्ति जुटाने पर विजिलेंस को नहीं दे पाए जवाब, रिमांड पर लेकर अब विजिलेंस करेगी पूछताछ

Uttarakhand


Photo: अमित सिन्हा निदेशक सतर्कता, रेनु लोहनी एसपी सतर्कता एवं अन्य अफसर

देहरादून (Big News Today)

उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक अवैध कमाई करके आय से अधिक संपत्ति जुटाकर भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे वरिष्ठ आईएएस अफसर राम विलास यादव विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए हैं। करीब ढाई वर्ष से उनके खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच चल रही थी, लेकिन एक भी नोटिस को उन्होंने सीरियस नहीं लिया और एक बार भी अपना पक्ष रखने नहीं पहुंचे। शिकंजा कसा तो राहत लेने के लिए रामविलास यादव सीधे हाईकोर्ट गए लेकिन हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी तो मजबूरी में उन्हें ढाई साल में पहली बार बुधवार को विजिलेंस के दफ्तर हाजिर होना ही पड़ा। विजिलेंस के अफसरों ने घंटों पूछताछ की लेकिन रामविलास यादव कोई ठीक और संतुष्टिपूर्ण जवाब ज्यादातर सवालों के नहीं दे सके। विजिलेंस अफसरों ने उनसे अवैध कमाई और संपत्ति अर्जन को लेकर करीब 100 सवाल किए। आखिरकार रात्रि के तीसरे पहर को ही उनको गिरफ्तार कर लिए गए। विजिलेंस के डायरेक्टर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया है कि रामविलास यादव जांच में मिले दस्तावेजों पर ज्यादातर सवालों के कोई संतुष्टिपूर्ण उत्तर नहीं दे पाए।

देखिये वीडियो, अकूत संपत्ति कैसे जुटाई

आईएएस रामविलास यादव को कल ही उत्तराखंड सरकार ने निलंबित कर दिया था। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर दिनांक 19.04.2022 को पंजीकृत मु0अ0सं0-5/22 धारा-13(1)ख सपठित धारा-13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) बनाम रामविलास यादव, आई0ए0एस0, अपर सचिव, उत्तराखण्ड शासन के विरूद्व आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने विषयक विवेचना में आरोपी अधिकारी रामविलास यादव, दिनांक 22.06.2022 को सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर कार्यालय देहरादून में अपने बयान अंकित कराने हेतु पुलिस अधीक्षक सैक्टर देहरादून रेनू लोहानी एवं विवेचक पुलिस उपाधीक्षक अनुषा बडोला के समक्ष उपस्थित हुये।

उपरोक्त टीम द्वारा इनके पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित सम्पत्तियों के बारे में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर आरोपी अधिकारी द्वारा संतोषजनक नहीं दिये गये। आरोपी अधिकारी अपने, दिलकश विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित आवास, गुडम्बा में स्थित संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में क्रय किये गये भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, एफ0डी0/खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चो के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर पाये।

File Photo: IAS Ram Vilas Yadav (Arrested)

अब तक की विवेचना में उपलब्ध अभिलेखों व आरोपी से पूछताछ पर चैक पीरियड में कुल आय 50,48,204/- रूपये तथा व्यय 3,12,37,756/- रू0 होना पाया गया, जो अनानुपातिक सम्पत्ति अर्जित की गयी है आरोपी अधिकारी को आय-व्यय की उपरोक्त रकम बतायी गयी तो कुछ भी स्पष्ट नही बता पाये। तमाम अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर उनके द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना स्पष्ट होता है कि आरोपी अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) की धारा 13(1)ख सपठित धारा 13(2) का जुर्म किया गया है, जुर्म के समबन्ध में आरोपी अधिकारी को अवगत कराते हुये दिनांक 23.06.2022 को समय 2ः15 ए0एम0 पर लम्बी पूछताछ के बाद सतर्कता अधिष्ठान द्वारा गिरफ्तार किया गया।

नियमानुसार आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना उनकी पुत्री के मो0न0 पर दी गयी । आरोपी अधिकारी रामविलास यादव को सतर्कता अधिष्ठान द्वारा आज दिनांक 23.06.2022 को मा0 सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस सम्बन्ध में सतर्कता टीम को सर्च के पश्चात ज्ञात सम्पत्तियों एवं अभिलेखों (रजिस्ट्रीयों) के बारे में गहना से विवेचना में साक्ष्य प्राप्त किये जा रहे है।

Photo: Amit Kumar Sinha (IPS), Director, Vigilence

सतर्कता विभाग के निदेशक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा ने बताया है कि करीब 522 गुना अधिक आय से अधिक संपत्ति का पता चला है जिसको लेकर पूछताछ में रामविलास यादव कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पाए हैं और अब उन्हें गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जा रहा है जहां से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। अमित सिन्हा का कहना है कि रामविलास यादव ने कई संपत्तियों के मम्मले में जवाब देते हुए अपनी पत्नी पर ही जानकारी होने की बात कही है इससे लगता है कि इनकी पत्नी के नाम काफी संपत्ति हो सकती है। इनकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। एक बार सफीना भेजा गया था लेकिन अब दुबारा पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

आपको बता दें कि यूपी से उत्तराखंड पोस्टिंग पर आए आईएएस रामविलास यादव लखनऊ विकास प्राधिकरण के के वर्षों तक सचिव रहे हैं। राम विलास यादव के खिलाफ करीब ढाई वर्ष पहले खुली जांच शुरू की गई थी लेकिन वे कई बार के नोटिस के बावजूद विजिलेंस में पक्ष रखने को तैयार नहीं हुए। बुधवार को वे हाईकोर्ट के आदेश के बाद विजिलेंस के दफ्तर पहुंचे थे लेकिन देर शाम तक लंबी पूछताछ के बाद भी संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे सके। उसके बाद उन्हें विजेलेन्स ने गिरफ्तार करने की कार्यवाही पर अमल कर दिया।