देहरादून 17 जनवरी|

विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना मंगलवार को 30वें दिन भी जारी रहा। विधानसभा के बाहर आंदोलित कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के प्रतापनगर से विधायक विक्रम सिंह नेगी, पूर्व विधायक गंगोत्री विजयपाल सजवाण, पूर्व विधायक थराली डॉ जीतराम, पूर्व विधायक राजकुमार धरनास्थल पहुंचे।
विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि विधानसभा में राज्य गठन के बाद से एक ही प्रक्रिया के तहत नियुक्तियां की गई हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ 2016 के उपरांत नियुक्त कार्मिकों पर ही क्यों की गई, यह बात समझ से बाहर है। विधानसभा द्वारा दोहरा मापदंड क्यों अपनाया गया, यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं स्पीकर से इस सम्बंध में वार्ता कर उनसे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने हेतु निवेदन करेंगे। जब एक ही प्रक्रिया शुरू अपनाई गई , तो न्याय भी समान रूप से होना चाहिए। उनका कहना है कि सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का मुद्दा भटकाने के लिए विधानसभा के निर्दोश कार्मिकों को बलि का बकरा बनाया ।

पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को इन कर्मचारियों के साथ न्याय करना चाहिए। आज उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बच्चों की स्कूल तथा कॉलेजों की फीस तथा मकान का किराया देने में भी दिक्कतें आने लगी हैं। कई कर्मचारी आज ओवर एज हो गए हैं। विधानसभा को यह सोचना चाहिए था कि उम्र के इस पड़ाव में अब यह नौकरी करने के लिए कहां जाएंगे।
राजपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि यह कर्मचारियों के साथ अन्याय है। बाबा साहेब आंबेडकर ने जो संविधान बनाया था, उसी संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन विधानसभा द्वारा भी किया गया है। तदर्थ कार्मिकों पर कार्रवाई करना सरासर अन्याय है। सरकार को तो कर्मचारियों का संरक्षण करना चाहिए। जब हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कर्मचारियों को स्टे दे दिया तो विधानसभा सचिवालय को उसका मान रखना चाहिए था| कोर्ट के स्टे के आदेश की अवहेलना करते हुए विधानसभा सचिवालय ने इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय किया। उन्होंने कहा की कार्मिक भाजपा की अंदरूनी लड़ाई के चलते राजनीति का शिकार हुए हैं।
पूर्व विधायक प्रो जीतराम ने कहा कि आज कार्मिकों को सड़क पर बैठे देखकर मन को बड़ा कष्ट हो रहा है, इन्हीं कर्मचारियों ने 7 साल तक विधानसभा में अपनी निष्ठापूर्ण सेवाएं दी, सदन संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, आज विधानसभा द्वारा एक झटके में इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इस दौरान कर्मचारियों को समर्थन देने पहुंचे मान सिंह रौतेला के साथ कर्मचारी निहारिका कुकरेती, केदार बिष्ट, मुकेश पंत, अजीत मेहता, ओम प्रकाश, राहुल पांडे, मनीष भगत, अनिल नैनवाल, दीप्ति पांडे, कुलदीप सिंह आदि समस्त बर्खास्त कार्मिक उपस्थित रहे।