देहरादूनI (रिपोर्ट: मौ. फहीम ‘तन्हा’) : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार जल्दी ही संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी कर रही है I जिसको लेकर पिछले दिनों कैबिनेट में डिसीजन लिया गया थाI इसको लेकर सरकार के स्तर पर तैयार की जा रही हैI प्राप्त सूचना के अनुसार बाकायदा नियमावली बनाकर फैसले को अमली जामा पहनाया जाएगा I तैयारी के बीच उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने संविदा कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारियों को नियमितीकरण के लिए सरकार से कट ऑफ डेट को अपडेट करने की मांग की हैI

यूनियन की मांग है की नियमितीकरण के लिए कट ऑफ डेट वर्ष 2025 रखी जाए I अपनी इस मांग को लेकर रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने बुधवार 17 दिसंबर को आईएसबीटी देहरादून परिसर में एक सभा की है I सभा में यूनियन के अध्यक्ष सहित महामंत्री अशोक चौधरी एवं बड़ी संख्या में विभिन्न कर्मचारी शामिल हुए I

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को लेकर एक अहम निर्णय लिया है। सरकार ने लंबे समय से सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इस निर्णय को हजारों संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य के कई विभागों में वर्षों से संविदा, आउटसोर्स और अस्थायी आधार पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। ये कर्मचारी नियमित कर्मचारियों की तरह ही जिम्मेदारियां निभाते रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सेवा सुरक्षा और अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाई थीं। कर्मचारी संगठनों द्वारा लंबे समय से नियमितीकरण की मांग उठाई जाती रही है।

सरकार के इस निर्णय के तहत पात्र संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की दिशा में प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों की सेवा अवधि, कार्य अनुभव और निर्धारित पात्रता मानकों को आधार बनाया जाएगा। जिन कर्मचारियों ने तय समय तक निरंतर सेवा दी है, उन्हें प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई है।
सूत्रों के अनुसार यह निर्णय शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, शहरी विकास, ग्रामीण विकास समेत अन्य विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों पर लागू हो सकता है। विभागों द्वारा संविदा कर्मचारियों की सूची तैयार कर आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
सरकार के इस फैसले के बाद संविदा कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि नियमितीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से कर्मचारियों में स्थिरता आएगी और विभागीय कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।


