श्रमिकों के परिजनों के आने-जाने का खर्चा उठाएगी सरकार, भोजन, आवास की भी व्यवस्था: सीएम धामी

Dehradun Uttarakhand


देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल के भीतर 41 मजदूरों को फंसे हुए आज 9 दिन पूरे हो चुके हैं. मजदूरों को निकालने के लिए कई प्‍लान तैयार किए गए और उन पर पूरे दम-खम से काम भी किया गया लेकिन सुरंग के अंदर गिर रहा मलबा बड़ी रुकावट पैदा कर रहा है. मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन अब तक असफलता ही हाथ लगी है. रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन लगातार 9 दिन से जारी है और पुरानी मशीनों के साथ साथ नई मशीनों से भी ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है. उधर मजदूरों की जिंदगी के लिए पूरा देश प्रार्थना भी कर रहा है. सभी की निगाहें इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हुईं हैं.

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने बताया कि सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के लिए सभी विकल्पों पर तेजी से काम हो रहा है. हमें उम्‍मीद है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द कामयाब हो सकता है. हम सभी को भगवान से प्रार्थना करना चाहिए कि हम जो विकल्‍प अपना रहे हैं, उनसे लोगों को निकालने में सफल रहें. मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के ऐसे परिजन जो यहां आना चाहते हैं उनके आवागमन का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने जरूरतमंद परिजनों के मोबाइल रिचार्ज, भोजन, आवास की भी व्यवस्था करने की बात कही।

मुख्‍यमंत्री ने बताया कि इन तमाम विकल्‍पों पर काम करने के साथ-साथ भारत सरकार दुनिया के कई देशों के सुरंग विशेषज्ञों से लगातार संपर्क में है. बीआरओ के अफसरों को भी मौके पर बुलाया गया है. हिमालय में जोजिला टनल का काम करने वाले एक्सपर्ट को भी बुलाया है.