गैरसैंण- (Big News Today) उत्तराखंड में अब पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति लेने की मजबूरी को लेकर राहत मिलने जा रही है। केवल 29 प्रकार के पेड़ों को छोड़कर अपनी संपत्ति में खड़े अन्य प्रजातियों के पेड़ों को काटने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं रहेगी। ये जानकारी विधानसभा सत्र में गुरुवार को प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दी है।
वन मंत्री ने नियम-58 के तहत इस मामले में उठाए गए मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा है कि वन विभाग को निर्देशित किया गया था कि जन व्यवहार से जुड़े हुए नियम-कानूनों में यदि आवश्यकता हो तो सरलीकरण किया जाना चाहिए। उसी के तहत निजी संपत्ति में खड़े पेड़ों को काटने का विषय भी आया था जिसको लेकर अब ट्री प्रोटेक्शन एक्ट (कानून) में संशोधन की तैयारी की जा रही है जल्दी ही इसको अमली जामा पहना दिया जाएगा।
कांग्रेस के पिरान कलियर से विधायक फुरकान अहमद ने नियम-58 में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि किसानों के सामने अपनी ही भूमि पर खड़े विभिन्न प्रकार के पेड़ों को अपनी जरूरत पर काटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वे बच्चों की शादी, बीमारी या अन्य किसी जरूरत पर पेड़ों को काटने के लिए अनुमति के लिए विभाग के चक्कर लगाते हैं। जबकि यूपी में ऐसा नहीं है। (फीचर फोटो:प्रतिकात्मक)

