देहरादून। उत्तराखंड किसान सभा के दो दिवसीय सम्मेलन डोईवाला में आम सभा के साथ आरम्भ हुआ। कार्यक्रम को मुख्य रूप से अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव का. बीजू कृष्णन, केंद्रीय कमेटी सदस्य पुष्पेन्द्र त्यागी व मनोज कुमार ने सम्बोधित किया। जिसमें किसानों ने खेती की स्थिति, बढ़ती लागत, और ग्रामीण बेरोजगारी पर चर्चा की। वक्ताओं ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और किसान हितों की रक्षा के लिए संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया। किसान नेताओं ने एकता की ताकत पर जोर दिया। आम सभा में किसानों की प्रमुख समस्याएं और उनके हालातों पर चर्चा की गई। सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय महासचिव डॉ. वीजू कृष्णन ने देशव्यापी किसान आंदोलनों के अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में पिछले एक दशक में किसान, श्रमिक और आम जनता की स्थिति बदतर होती जा रही है। सरकार किसानों से किए वादों को पूरा करने के बजाय कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की नीतियां बना रही है जिससे देशभर में कृषि संकट गहरा रहा है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह ने केंद्र सरकार को छल और झूठ का प्रतीक बताते हुए कहा कि किसानों के साथ लोकतंत्र बचाने के लिए भी संघर्ष करना होगा। किसान नेता कमरूदीन और संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ताजेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों को फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। मुनाफा कोई ओर खा रहा है। सम्मेलन मे राजेंद्र नेगी, हरभजन सिंह, शिवप्रसाद देवली, बलबीर सिंह, जाहिद अंजुम, याकूब अली, अनूप कुमार, भोपाल सिंह रावत, भगवान सिंह राणा, मलकीत सिंह, प्रेम सिंह आदि मौजूद थे।


