BIG NEWS TODAY : (देहरादून, 10 जुलाई 2025) । उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने राज्य में चल रही त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया में राज्य निर्वाचन आयोग की भूमिका पर व चुनाव में लगी चुनावी मशीनरी पर बड़ा आरोप लगाया है। धस्माना ने एक बयान में कहा है कि भाजपा के प्रत्याशियों को जिताने के लिए पीठासीन अधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि जैसी आशंका प्रदेश कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन देते वक्त प्रकट की थी वैसा ही आचरण आयोग द्वारा चुनावी ड्यूटी में लगाए गए अधिकारी कर रहे हैं। कहा कि, प्रदेश के टिहरी, नैनीताल उधमसिंह नगर समेत अनेक जिलों से पीठासीन अधिकारियों द्वारा भाजपा के दबाव में कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी जिला पंचायत, छेत्र पंचायत प्रत्याशियों के नामांकन गलत तरीके से खारिज करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि टिहरी जिले की अखुड़ी सीट से कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार उमेश सिंह समेत सात प्रत्याशियों के पर्चे खारिज किए जबकि उसी आधार पर भाजपा प्रत्याशी का नामांकन स्वीकार किया। टिहरी की भूतसी जौनपुर से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार का नामांकन गलत आधार पर रद्द कर दिया। धस्माना ने कहा कि इसी प्रकार की शिकायतें राज्य के अन्य जनपदों से भी प्राप्त हो रही हैं।
धस्माना ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव में हार के डर से चुनावों में अनुचित तरीके अपना कर पंचायत चुनाव जीतना चाह रही है जो इनको महंगा पड़ने वाला है। धस्माना ने कहा कि इस बाबत प्रदेश कांग्रेस राज्यपाल से शीघ्र मुलाकात करेंगे।
बीजेपी मीडिया प्रभारी मनवरी चौहान ने धस्माना के बयान को बताया निराधार
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के आरोप को निराधार बताया है। मनवीर चौहान ने कहा है कि पंचायत चुनावों में हार के डर से कांग्रेस अभी से ही तरह-तरह के आरोप लगा रही है। यहां तक राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर और चुनाव प्रक्रिया में लगे अधिकारियों पर भी आरोप लगाने लगी है। मनवीर चौहान ने कहा कि ये कांग्रेस की हार के डर की बौखलाहट है। क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया में लगे सभी अधिकारी चुनाव आयोग के अधीन होते हैं और निष्पक्ष एवं नियमों के तहत कार्यवाई करते हैं। ऐसें कांग्रेस उपाध्यक्ष का आरोप बिलकुल बेबुनियाद है।


