देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे: सिख धर्म के दसवें गुरु का स्थान दुनिया के सभी धर्मगुरुओं में सर्वोच्च स्थान है क्योंकि वो एकमात्र ऐसे धर्मगुरु हैं जिन्होंने देश व कौम के लिए अपना सर्वस्व व सरवंश बलिदान कर दिया । यह बात आज गुरुद्वारा रेस कोर्स ग्राउंड में गुरुगोबिंद सिंह के आगमन पर्व पर सज़े दीवान में श्रद्धालुओं को गुरुपर्व की बधाई देते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही।

उन्होंने कहा कि गुरुगोबिंद सिंह ने अपनी माता पिता व चार चार पुत्रों को देश के लिए कुर्बान कर दिया लेकिन कभी उफ नहीं की। धस्माना ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए गुरुगोबिंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की और जीवित गुरु की परंपरा को समाप्त कर गुरु ग्रंथ साहब को गुरु रूप गुरुगद्दी में स्थापित कर सभी सिखों को गुरुग्रंथ साहिब को गुरु मानने का हुक्मनामा जारी किया जिसे आज पूरी दुनिया के गुरसिख मानते हैं। कार्यक्रम में गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान सरदार गुरुबख्श सिंह व सरदार डीएस मान द्वारा धस्माना को गुरु का सिरोपा पहना कर सम्मानित किया गया। कोलंबो से आये रागी परधान सिंह के जत्थे ने कीर्तन से संगतों को निहाल किया।


