उत्तराखंड के भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के विवाद में आया नया मोड़
BIG NEWS TODAY : एक तरफ यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के आह्मवाहन पर बेरोजगार आँदोलन पर हैं। दूसरी तरफ सचिव मुख्यमंत्री शैलेष बगोली से मंगलवार को सांय सचिवालय में ‘संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा छात्र मंच‘ के प्रतिनिधि मंडल ने इशांत रौथाण के नेतृत्व में भेंट कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि यूकेएसएसएससी की हाल ही में आयोजित परीक्षा पूर्णतः निष्पक्ष, पारदर्शी एवं नकलविहीन तरीके से सम्पन्न हुई है। परीक्षा प्रारम्भ होने के लगभग आधे घंटे बाद कुछ चुनिंदा व्यक्तियों के पास प्रश्नपत्र की तस्वीरें पाई गई, जिसे लेकर भ्रामक माहौल बनाया जा रहा है।


ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि “परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई। आयोग पर उन्हें पूरा भरोसा है और यह परीक्षा भी पहले की भांति निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न हुई है। कुछ लोग परीक्षा पूर्व इसे रोकने में लगे थे और अब परिणाम निरस्त कराने का प्रयास कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो यह उनकी वर्षों की मेहनत और भविष्य दोनों पर पानी फेरने जैसा होगा। सभी परीक्षार्थी द्वारा निवेदन किया गया है कि परीक्षा को निरस्त न किया जाए और परिणाम शीघ्र जारी किए जाएं, ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।”
सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली द्वारा छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा छात्र संघ के प्रतिनिधि रामपाल सिंह, विनोद आजाद, उमेश कुमार, मोहित, धुरेन्द्र, अर्जुन सिंह, मनेन्द्र कुमार, शिवम झंग्याल उपस्थित थे।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि, यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 21 सितंबर 2025 (रविवार) को स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा आयोजित कराई थी। परीक्षा सुबह 11 बजे शुरु हुई थी, लेकिन करीब 35 मिनट बाद ही पेपर लीक होने की बात सामने आ गई थी। इस मामले में आयोग के चैयरमैन जगत सिंह मर्तोलिया ने मीडिया में बयान दिया था कि पेपर लीक नहीं हुआ है केवल तीन पन्ने ही बाहर आए थे।
इसके ठीक एक दिन पहले यानी शनिवार को ही भर्ती परीक्षा में नकल कराने का माफिया हाकम सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। भर्ती आयोग ने पेपर लीक घटना की जांच करके कार्यवाई का भरोसा दिया था। लेकिन राज्य के बेरोजगार युवा इस प्रकरण को लेकर आंदोलन पर हैं और आयोग के खिलाफ भी सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं।