BIG NEWS TODAY : आंखे हैं तो दुनिया खूबसूरत दिखाई देती है। आँखे हैं तो जिंदगी भी खूबसूरत लगती है। आंखों में तकलीफ हो या फिर आँखे खराब हो जाएं तो जिंदगी में कैसा अंधेरा छा सकता है आप इसका अंदाजा लगाएंगे तो सोचकर ही सिहरन सी पैदा होती है। इसलिए कहते हैं कि आंखों की देखभाल और अच्छी सेहत के लिए बहुत जरुरी है कि हम आंखों की भी पूरी देखभाल रखें। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल व श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज के नेत्र रोग विभाग के द्वारा रविवार को उत्तराखंड स्टेट ऑपथैलमोलॉजिकल सोसायटी के तत्वावधान में ’दी रेटिना इन सिस्टेमेटिक डीजीज’ पर एक दिवसीय निरंतर चिकित्सा शिक्षा ( कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की नेत्र रोग विभाग की डॉ. प्रकृति पोखरियाल ने स्वागत अभिभाषण दे कर सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होने कहा कि इस सी.एम.ई. कार्यक्रम उद्देश्य आंखों के रेटिना ( पर्दे) की बीमारियों को शुरुआती स्तर पर ही पहचान व उसके मरीजों को सर्वश्रेष्ठ उपचार की विभिन्न विधियों पर मंथन व ज्ञानवर्धक करना हैै। shri mahant indiresh hospital dehradun eye hospital retina sgrr university

क्या कहते हैं डॉक्टर- कार्यक्रम में सौ से अधिक नेत्र रोग विशेषज्ञों व ऑपथैमोलॉजी स्नातकोत्तर (पीजी) में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. तारिक मसूद, डॉ. संजीव मित्तल, डॉ. शान्ति पाण्डेय, डॉ. गौरव लूथरा, डॉ. मुनिन्द्रा रावत, डॉ. संगीता जैन, डॉ. स्मिता मेहरा का भी विशेष सहयोग रहा। shri mahant indiresh hospital dehradun eye hospital retina sgrr university
रेटिना की कैसे रखें देखभाल- कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य एसजीआरआर-आई एण्ड एचएस डॉ. अशोक नायक तथा कुलसचि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय डॉ. पंकज मिश्रा, प्रेसिडेंट यूकेएसओएस डॉ. विनोद अरोड़ा व विभागाध्यक्ष नेत्र रोग विभाग डॉ. तरन्नुम शकील के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया गया। डॉ. अशोक नायक ने अपने संबोधन में कहा, इस तरह के सीएमई कार्यक्रम ज्ञान के आदान प्रदान के लिए आदर्श मंच हैं। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर एंड एचएस इस तरह के आयोजनों को समय-समय पर करवाता रहा है। इसके उपरांत सी.एम.ई. कार्यक्रम की प्रथम वक्ता विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज व रेटिना विशेषज्ञ डॉ. रेनू धस्माना ने डायबिटिक रेटिनोपैथी व डायबिटीज किडनी डिजीज विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने मधुमेह व गुर्दे के रोगों में होने वाली रेटिना की बीमारियों को सही समय पर पहुंचने व उनके उचित उपचार की विधियों के बारे में ज्ञान साझा किया। shri mahant indiresh hospital dehradun eye hospital retina sgrr university

आँखों के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सलाह है काम की- दृष्टि आई इंस्टीट्यूट के रेटिना विशेषज्ञ डॉ. सौरभ लूथरा ने ’एक्स फाइल्स ए मल्टीट्यूटस ऑफ इंटरेस्टिंग केस विद रेटिनल मेनीफेसटेशन्स’ विषय पर व्याख्यान देते हुए बतौर रेटिना सर्जन अपने सामने आए पर्दे के विभिन्न रोगों व उनकी उपचार विधियों को साझा किया। एम्स, ऋषिकेश के रेटिना सर्जन डॉ. रामानुज सामंता ने ’टयूबटक्लोसिस व रेटिना’ विषय पर व्याख्यान देते हुए टी.बी. के मरीजों में होने वाली पर्दे की बीमारियों पर प्रकाश डालते हुए खाई जाने वाली दवाईयों के रेटिना पर दुष्प्रभावों के बारे मे जानकारी दी। उनका सही समय पर पता लगाना व उनके उपचार की विधियों पर ज्ञान साझा किया। अमृतसर आई क्लीनिक के डॉ. अनुज शर्मा ने ’रेटिनल मैनिफेस्टेशन ऑफ हाईपरटेंशन’ विषय पर प्रकाश डालते हुए उच्च रक्तचाप के मरीजों में इससे उपजने वाली पर्दे की बीमारियों के विषय में विस्तृत जानकारियां दी। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के रेटिना विशेषज्ञ डॉ श्री राम जयराज ने साईड इफेक्ट ऑफ सिस्टमिक ड्रग्स ऑन रेटिना विषय पर बोलते हुए किसी भी बीमारी के निदान हेतु खाई जाने वाली दवाइयों के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी।

आंखों की देखभाल की जानकारी मिलती है लगातार- इसके उपरांत एसजीआरआर आई एण्ड एचएस, जीएमसी हल्द्वानी, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज व एम्स, ऋषिकेश के नेत्र रोग विभागों में ऑपथैमोलॉजी स्नातकोत्तर (पी.जी.) में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रश्नोत्तरी का संचालन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की डॉ. वत्सला वत्स के द्वारा किया गया। विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, एसजीआरआरआईएण्डएचएस व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, निर्देशिका एसएमआई आई बैंक एवं कार्यक्रम की आँग्रेनाईजिंग चेयरपर्सन, डॉ. तरन्नुम शकील के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया। उन्होंने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल व एसजीआरआरआईएण्डएचएस के चेयरमैन श्री महंत देवेन्द्र दास जी महाराज के आर्शीवाद व प्रेरणा से इस प्रकार के कार्यक्रम करवाये जाते रहे हैं व भविष्य में भी करवाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के निरन्तर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम डॉक्टरों व पीजी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के ज्ञानवर्धन करने का अनूठा मंच है। प्रश्नोत्तरी में एम्स, ऋषिकेश के डॉ. परितोष शुक्ला व डॉ. कीर्ति ने प्रथम स्थान, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डॉ. प्रियंका व डॉ. अनमोल ने द्वितीय स्थान व तृतीय स्थान जीएमसी, हल्द्वानी की डॉ. पुनम व डॉ. रचित ने प्राप्त किया। इन सभी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।