गांवों को वापिस लौट चुके लोगों की सफलता की कहानियां बनेंगी दूसरों की प्रेरणा, राधिका झा को जिम्मेदारी

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रिवर्स पलायन कर चुके लोगों को मिलेगा प्लेटफॉर्म, महिलाओं की भागीदारी से राज्य बनेगा श्रेष्ठः पुष्कर धामी

BIG NEWS TODAY : (रिपोर्ट : एम. फहीम ‘तन्हा’) उत्तराखंड की धामी सरकार अब राज्य में रिवर्स पलायन को अधिक प्रभावशाली तरीके से बढ़ाना चाहती है। यानि पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों से जो लोग रोजगार या अन्य किसी कारण से शहरों या राज्य से बाहर चले गए हैं उनको वापस अपने गांव और घरों को लौटकर आने के लिए प्रेरित करने के अधिक प्रभावशाली उपायों पर काम करना शुरु कर दिया गया है। क्योंकि पिछले वर्षों में जो लोग अपने गांवों को वापस लौटे हैं उन्होंने सफलतापूर्वक स्वरोजगार के नए आयाम भी स्थापित किए हैं I उनकी सफलता की कहानियां दूसरों तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री ने तेजतर्रार आईएएस अफसर एवं शासन में सचिव राधिका जहा को जिम्मेदारी सौंपी है I

पलायन निवारण आयोग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में कहा कि राज्य में रिवर्स पलायन कर चुके लोगों के अनुभवों को साझा करने के लिए एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि अन्य लोग भी इन सफलताओं से प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के सुझावों को विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे योजनाएं अधिक प्रभावी बन सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आने वाले समय में उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिलाएगी। यह भागीदारी नारी शक्ति के जुनून, हौसले और हुनर का सम्मान होगा।

सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा को सीएम धामी ने निर्देशित किया कि वे रिवर्स पलायन कर चुके लोगों की सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में कार्य करें और उन्हें योजना निर्माण में शामिल करें। उन्होंने ग्रामीणों के स्थाई आजीविका हेतु कौशल विकास पर बल देते हुए स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं की पहचान कर स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पेशेवर दक्षता प्रदान किया जाए, जिससे उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग बेहतर हो सके और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो।

आपको बता दें कि रिवर्स पलायन करके अपने गांव घरों को वापस लौटने वाले तमाम युवाओं और लोगों ने उद्यानिकी कृषि पर्यटन आईटी सहित विभिन्न क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स बागबानी और होमस्टे जैसे स्वरोजगार अपनाकर सफलता की कहानी गढ़ी हैंI अब यह कहानी दूसरों को भी वापस अपने घरों में पहुंचने और रोजगार अपने के लिए प्रेरित करेंगी I 

पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी ने बैठक में आयोग द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब तक लगभग 2,000 लोगों ने राज्य में रिवर्स पलायन करते हुए कृषि, पशुपालन, पर्यटन, होम स्टे, बागवानी और अन्य क्षेत्रों से जुड़कर स्वरोजगार अपनाया है और अच्छा लाभ कमा रहे हैं। बैठक में अन्य सदस्यों द्वारा भी महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने योजनाओं के सरलीकरण के लिए भी निर्देश दिए और कहा कि आयोग को प्रभावी बनाने के लिए नियोजन, शिक्षा, पर्यटन, कौशल विकास जैसे विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास राजेन्द्र सिंह रावत समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।