रक्षा मंत्री एवं सीएम धामी ने देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का किया अनावरण

Dehradun Uttarakhand


देहरादून, बिग न्यूज़ टूडे: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड को वीरो की भूमि और जनरल बिपिन रावत को रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा, देश के लोग स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत को, जनरल के रूप में, सीडीएस के रूप में और उत्तराखंड के निवासी के रूप में जानते हैं, लेकिन जिन लोगों ने उन्हें बहुत नजदीक से देखा है, वह जानते हैं कि वह शौर्य, साहस और शालीनता के अद्भुत संगम थे। यह तीनों चीजें उसी के भीतर हो सकती हैं जो आध्यात्मिक हो। उन्होंने यह बात यहां द टौंस ब्रिज स्कूल में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कही।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्कृष्ट व आधुनिक हथियार देकर सेना को लगातार मजबूत करने के कार्य में जुटी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि जनरल रावत शौर्य, साहस और शालीनता के प्रतीक थे और यह तीनों गुण उसी में होते हैं जो आध्यात्मिक होगा। उन्होंने कहा कि जनरल रावत का मन बहुत बड़ा था। उन्हें गोली भी लगी, वे जाबांज पराक्रमी सैनिक और एक अच्छे इंसान थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में जनरल रावत सेनाध्यक्ष रहने के साथ ही देश के प्रथम सीडीएस बने।

जो शौर्य, साहस और शालीनता की प्रतिमूर्ति थे, सीडीएस के रूप में उनकी नियुक्ति देश के इतिहास में एक अहम सुधार था। इस पद का सृजन ही सेनाओं की सशक्तीकरण और उनके सम्मान के प्रति हमारी सरकार के संकल्प को दिखाता है। एक तरफ हमने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना कर सशस्त्र बलों के प्रति राष्ट्र की ओर से अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की, तो वहीं दूसरी तरफ देश के सैनिकों के हाथों में उत्कृष्ट व आधुनिक हथियार देकर हम उन्हें लगातार सशक्त बना रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, जनरल बिपिन रावत के निधन से देश को अपूरणीय क्षति पहुंची, उसकी भरपाई संभव नहीं है। उत्तराखंड को सैनिक बहुल प्रदेश बताते हुए उन्होंने कहा, भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखंड के वीर सैनिकों का अति विशिष्ठ योगदान है। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्व. जनरल बिपिन रावत जी की 08 दिसम्बर 2021 को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा  भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के वीर सैनिकों का अति विशिष्ट योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट मौका भी है। स्व.जनरल बिपिन रावत ने भी अपने जीवनकाल में उत्तराखंड की इसी सैन्य परम्परा का निर्वहन किया। मातृभूमि के लिए उनकी चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 दिसम्बर 1978 को जनरल रावत को 11 जी.आर. की 5 वीं बटालियन में कमिशन मिला और उस दिन से लेकर जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जिए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए कीर्तिमान  स्थापित किए। वे देश के साथ – साथ अपने राज्य उत्तराखंड की धरती से भी बहुत प्रेम करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर वे एक और महान व्यक्ति, हमारे पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम को भी नमन करते हैं। जिस उद्देश्य के लिए देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने इस विद्यालय की नींव रखी थी, उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्कूल प्रबंधन निरन्तर प्रयासरत है।