देहरादून ( Big News Today ) (Report By: Shabnoor) ऋषिकेश निवासी रंजीता जुयाल जखमोला ने अपना शोध कार्य “जनपद चमोली की ग्रामीण जनजाति महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधित एवं जागरूकता का अध्ययन एवं विभिन्न कार्यक्रमों का प्रभाव” पूर्ण करते हुए डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर ली है, वे शिक्षण कार्य के क्षेत्र में अपना करियर आगे ले जाने के प्रयासों में लगीं हैं।

गीता नगर ऋषिकेश निवासी मधुर जखमोला की पत्नी रंजीता जखमोला ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय, श्रीनगर उत्तराखंड के स्कूल ऑफ एजुकेशन से पीएचडी पूर्ण की है।

रंजीता ने अपना शोध कार्य “जनपद चमोली की ग्रामीण जनजाति महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधित एवं जागरूकता का अध्ययन एवं विभिन्न कार्यक्रमों का प्रभाव” विषय में किया है। उन्होने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार के सभी सदस्यों और शिक्षा जगत से अपने सभी गुरुजनों को दिया है, जिनके सहयोग और आशीर्वाद से उनका शोध कार्य पूर्ण हुआ है। डॉ. रंजीता जखमोला ने शिक्षण कार्य से ही जुड़े अपने पति मधुर जखमोला को यह उपलब्धि हासिल में पूरा साथ देने के लिए विशेष रूप से श्रेय दिया है।

टिहरी जिले के कोटी कॉलोनी क्षेत्र में गांव सौर उप्पू निवासी विमला जुयाल व हर्षमणी जुयाल की पुत्री डॉ. रंजीता जुयाल जखमोला ने अपने करियर को लेकर बताया कि वे असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू करने के लिए मेहनत कर रही हैं, क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में ही वे आगे काम करना चाहती हैं।

रंजीता ने बताया कि विभाग में मौखिक परीक्षा (साक्षात्कार) साक्षात्कार हाइब्रिड माध्यम से हुआ जिसमें प्रो. जे. पी. दुबे ( बाह्य विषय विशेषज्ञ, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली) एवं शोध निर्देशक प्रो. अनिल कुमार नौटियाल, (पूर्व शोध निदेशक प्रोफेसर अरुण बहुगुणा ) प्रोफेसर एसएस रावत प्रो. रमा मैखुरी (संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ एजुकेशन, बिड़ला परिसर, श्रीनगर), प्रो. गीता खंडूरी, प्रो. सीमा धवन, डॉ देवेंद्र सिंह, डॉ रमेश चंद्र सिंह, डाॅ रीना, डॉ सिद्धार्थ, डॉ शंकर एवं सभी शोधार्थी विभाग में उपस्थित रहे। अन्य सभी शिक्षक एवं शोधार्थी ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से साक्षात्कार में उपस्थित रहे।

रंजीता की बहन पूनम जुयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि दीदी के पीएचडी कंप्लीट करके डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने पर सभी लोग खुश हैं। और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं। रंजीता की इस उपलब्धि से टिहरी में उनके माता-पिता, भाई -बहन और सभी परिजनों में खुशी का माहौल है। साथ ही उनकी ससुराल पक्ष के परिवार में भी काफी उत्साह और खुशी है। सभी लोग रंजीता को उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं।

