देहरादून को सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध स्वरूप में विकसित करना एमडीडीए की शीर्ष प्राथमिकता-बंशीधर तिवारी,
सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया की सख्त चेतावनी, नियम तोड़ने वालों पर होगी तत्काल सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
एमडीडीए का संदेश स्पष्ट: अवैध निर्माण पर अब नहीं होगी कोई रियायत, शहर का विकास नियम और व्यवस्था के दायरे में ही होगा
BIG NEWS TODAY : मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने बिना स्वीकृति किए जा रहे निर्माणों पर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के सख्त निर्देशों पर गुरुवार को प्राधिकरण की टीम ने कांवली रोड क्षेत्र में चल रहे अवैध व्यवसायिक निर्माण को ध्वस्त कर दिया। जानकारी के अनुसार संयुक्त सचिव गौरच चटवाल के आदेशों पर श्याम सुन्दर वैश्य द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण कार्य किया जा रहा था। नियमानुसार कार्रवाई करते हुए एमडीडीए की टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध हिस्से को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान सहायक अभियंता अभिषेक भारद्वाज, अवर अभियंता अभिजीत थलवाल, सुपरवाइजर सहित पुलिस बल भी मौजूद रहा। एमडीडीए की यह कार्रवाई शहर को योजनाबद्ध और सुव्यवस्थित ढंग से विकसित करने की दिशा में एक सख्त संदेश मानी जा रही है। प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि बिना स्वीकृति या स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण करने वालों पर अब बख्शिश नहीं की जाएगी।

शहर की सुंदरता और सुव्यवस्था से समझौता नहीं: बंशीधर तिवारी
उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण की प्राथमिकता शहर की सुंदरता, सुव्यवस्था और नियोजन को सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति यदि बिना स्वीकृति निर्माण करता है या भूमि काटकर बेचता है, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि देहरादून को स्मार्ट और सुव्यवस्थित सिटी के रूप में विकसित करने के लिए नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है। जनता से अपील है कि किसी भी निर्माण से पहले प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत करवाएं, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की कार्रवाई से बचा जा सके।
नियम तोड़ने वालों को नहीं मिलेगी राहत: मोहन सिंह बर्निया
सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि एमडीडीए का मुख्य उद्देश्य देहरादून को सुंदर, स्वच्छ और योजनाबद्ध स्वरूप में विकसित करना है। इसके लिए हर नागरिक को निर्माण से पहले नियमों का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा बिना स्वीकृति निर्माण किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्राधिकरण नियमित निरीक्षण अभियान चला रहा है, और जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जा रहा है, वहां तत्काल सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।